रिपोर्ट-कौशल किशोर गुरसरांय
गुरसरांय(झाँसी)। अवैध शराब कारोबारियों की गुरसरांय पुलिस से मिलीभगत के चलते गुरसरांय कस्बे व आस-पास के क्षेत्रों के युवकों के द्वारा उक्त शराब सस्ते दर पर बिकने से अधिकांश गरीब व्यक्ति धड़ल्ले से यह शराब पी रहा है और चर्चा है,कि प्रतिमाह पुलिस को अवैध शराब कारोबारी मोटी सुविधा शुल्क देते हैं,जिसके चलते पुलिस की सह पर यह शराब जोकि देहाती भाषा में इस शराब को लहंगा ब्रांड के नाम से चर्चित है,और इसमें कम दर पर बढ़िया नशा होने से गरीब नशे की लत लग चुके युवक धड़ल्ले से इस्तेमाल करते हैं,वही पुलिस द्वारा अपनी कानूनी बचाव की प्रक्रिया के लिए कबूतरा जाति के लोगों को प्रतिमाह शराब के केस में मुकदमा लिख कानूनी दाव पेंच से बचने की तरकीब भी निकाले हुए है,10 जनवरी शुक्रवार को 4:00 बजे लगभग मऊ रोड़ स्थित मुक्तिधाम के पास लहंगा ब्रांड शराब कबूतरा जाति की महिला खुलेआम बेंच रही हैं,और धड़ल्ले से पीने वाले भी शराब खरीद रहे है,आखिर पुलिस इनको क्यों नही पकड़ रही हैं,लग रहा है इस अवैध शराब से बहुत बड़ी घटना का इंतजार है गुरसरांय रामनगर तिगैला डॉक्टर डीआर सिंह के पीछे रहने वाले राकेश अहिरवार पुत्र पंखी उम्र 35 वर्ष की इसी दौरान जहाँ यह शराब बिक रही हैं,उसके चंद कदम दूरी पर शराब पिये बेहोशी हालत में डरा मिला इसकी सूचना जब उसके परिवार के लोगों को उसकी जानकारी हुई तो उसके परिवार के लोग उसे स्वास्थ्य केंद्र गुरसरांय आनन-फानन में लाये जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया और चर्चा है कि यह सब लहंगा ब्रांड शराब का खेल है शाम 6:00 बजे के बाद पुलिस पंचनामा भर पोस्टमार्टम कार्यवाही करने में जुटी हुई थी। दूसरी ओर पूरे कस्बे व क्षेत्र में आए दिन हो रही घटनाओं को बढ़ावा देने में भी अवैध शराब कारोबारियों का हाथ है,और इसके पीछे पुलिस को माह-वारी मिलने वाली सुविधा शुल्क का बड़ा मंत्र पुलिस और अवैध शराब कारोबारियों के बीच सफल होता दिख रहा है जिससे आम लोगों के स्वास्थ्य के साथ हो रहे खिलवाड़ से और कानून व्यवस्था से पुलिस और अवैध शराब कारोबारियों को कोई मतलब नही है क्योंकि पैसा बोलता है ?