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महोबा । उत्तर प्रदेश की सबसे बड़ी पत्थर मंडी महोबा में विस्फोटक सिंडिकेट के कारण उद्योग ठप होने की कगार पर है। विस्फोटक मैगजीन संचालकों ने सिंडिकेट बनाकर विस्फोटक सामग्री की कीमतें तीन गुना तक बढ़ा दी हैं। इस कारण 250 क्रेशर प्लांट और 250 पहाड़ों की खदानों में खनन कार्य लगभग बंद हो गया है। स्थिति यह है कि 80 प्रतिशत क्रेशर या तो बंद हो गए हैं या बंद होने की कगार पर हैं। इससे न केवल शासन को मिलने वाला करोड़ों का राजस्व प्रभावित हुआ है, बल्कि बुंदेलखंड सहित देश के कई राज्यों से आए हजारों मजदूरों के सामने रोजगार का संकट खड़ा हो गया है। स्थानीय व्यवसाय भी प्रभावित हुए हैं। सड़क किनारे के ढाबे, होटल और टायर पंचर की दुकानों के कामगार भी परेशान हैं। खनन उद्योग कल्याण समिति के व्यापारियों ने जिलाधिकारी से सिंडिकेट माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है और मुख्यमंत्री पोर्टल पर भी शिकायत दर्ज कराई है।
विस्फोटक की कमी से खनन प्रभावित विस्फोटक मैगजीन लाइसेंसधारियों की मनमानी से पहाड़ संचालकों को विस्फोटक नहीं मिल पा रहा है, जिससे खनन कार्य प्रभावित हुआ है। इस स्थिति में मजदूरों को रोजी-रोटी की तलाश में महानगरों की ओर पलायन करना पड़ रहा है। मजदूरों का पलायन छत्तीसगढ़ से बुन्देलखण्ड के कबरई मंडी में स्टोन क्रेशर प्लांटों में हजारों मजदूरों को मिलने वाला रोजगार सिमटता जा रहा है। स्थानीय मजदूरों के सामने रोजगार की समस्या खड़ी हो गई है, जिससे अन्य राज्यों से आने वाले मजदूर वापस अपने घरों को लौट रहे हैं। क्रशर प्लांट ऑपरेटर अवधेश के अनुसार, क्रेशर बंद होने से अधिकांश मजदूर जा चुरके हैं। रोजगार का संकट गहराया बीते एक माह से विस्फोटक सिंडिकेट ने मजदूरों के रोजगार को बुरी तरह प्रभावित किया है। प्लांटों में काम न मिलने की वजह से अधिकांश मजदूर पलायन कर चुके हैं। वहीं ट्रक, ट्रैक्टर आदि भी नहीं आ रहे, जिससे काम पूरी तरह ठप हो चुका है। हाइवे पर संचालित ढाबों, होटल, पंचर की दुकानों में सन्नाटा छा गया है।
महोबा खनन उद्योग कल्याण समिति के संरक्षक रामकिशोर सिंह ने बताया कि पहाड व स्टोन क्रेशर संचालकों को दिए जाने वाली सामग्री में विस्फोटक सिंडिकेट ने बड़ा इजाफा कर दिया है। पहाड़ों की बड़ी-बड़ी चट्टानों को तोड़ने के लिए उपयोग होने वाला विस्फोटक सामान अब 7800 से बढ़ाकर 17000 रुपए कर दिया गया है। रोजगार के साधन सिमटते विस्फोटक सामग्री के बढ़े दामों के कारण अधिकांश पहाड़ पट्टा संचालकों व व्यापारियों ने खरीदने से मना कर दिया है। कबरई मंडी में अधिकांश क्रेशर प्लांट पत्थर न मिलने की वजह से बंद हो चुके हैं और जो कुछ शेष बचे हैं, वे भी आने वाले कुछ दिनों में पूरी तरह बंद हो जाएंगे। मजदूरों की चिंता महोबा जिले में रोजगार का एकमात्र साधन पत्थर मंडी बुरी तरह प्रभावित हो रही है। इसका सबसे बड़ा प्रभाव गरीब मजदूर वर्ग के साथ-साथ व्यापारियों पर पड़ने के आसार हैं। मजदूरों को डर है कि यदि ऐसा ही हाल रहा तो उनके सामने रोटी, रोजी और रोजगार का संकट पैदा हो जाएगा और उन्हें मजबूर होकर जिला छोड़ना पड़ेगा।
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