झाँसी- जिलाधिकारी श्री अविनाश कुमार ने विकास भवन सभागार में ₹50 लाख एवं उससे अधिक लागत की परियोजनाओं का सत्यापन एवं प्रगति आख्या जिसमें सड़क एवं अन्य परियोजनाएं शामिल हैं की समीक्षा बैठक ली।
बैठक में 50 लाख से अधिक लागत की परियोजनाएं (सड़कों को छोड़कर) एवं 50 लाख से अधिक लागत की सड़क परियोजनाओं की समीक्षा करते हुए जिलाधिकारी ने नोडल अधिकारी एवं टेक्निकल अधिकारियों से कहा यदि निर्माण कार्यो के निरीक्षण में कार्य गुणवत्ता विहीन पाया जाता है तो संबंधित ठेकेदार को ब्लॉकलिस्ट करते हुए होगी एफआइआर,इसके अतिरिक्त टेक्निकल टीम के सदस्यों पर भी होगी विभागीय कार्यवाही। उन्होंने 33 पूर्ण परियोजनाओ को हैंडओवर के लिए शासनादेशानुसार पांच सदस्यीय समिति द्वारा टेक्निकल वेरिफिकेशन के बाद ही बिल्डिंग अथवा अन्य निर्माण कार्य हैंडओवर किया जाना सुनिश्चित किए जाने के निर्देश दिए।
बैठक में जिलाधिकारी श्री अविनाश कुमार के निशाने पर उत्तर प्रदेश राज्य सेतु निगम लिमिटेड विभाग रहा, उन्होंने समीक्षा के दौरान सत्यापन अधिकारी द्वारा गुणवत्ता को मानक अनुरूप न पाए जाने की रिपोर्ट पर सेतु निगम द्वारा किये जा रहे कार्यों पर नाराजगी व्यक्त करते हुए झांसी-ग्वालियर मार्ग के झाँसी-कानपुर रेल सेक्शन 04 लेन रेल उपरिगामी सेतु की निर्माण प्रगति धीमी होने पर असन्तोष व्यक्त करते हुए कहा कि 29.130 करोड़ स्वीकृत धनराशि के सापेक्ष 18.580 अवमुक्त एवं व्यय 5.480 करोड़ तथा भौतिक प्रगति 51% होने पर की नाराजगी व्यक्त, वहीं उन्होंने कचीर-मझगवां (राठ-गरौठा) के मध्य धसान नदी पर सेतु पहुँच मार्ग,अतिरिक्त पहुंच मार्ग एवं सुरक्षात्मक कार्य का निर्माण कार्य की समीक्षा करते हुए स्वीकृत लागत 108.140 करोड़ एंव अवमुक्त धनराशि 27.030 करोड़ सापेक्ष शून्य प्रगति पर नाराजगी व्यक्त की।
बैठक में यूपी सिडको द्वारा कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय मोंठ में एकेडेमिक ब्लॉक एवं छात्रावास के निर्माण की समीक्षा करते हुए नोडल अधिकारी द्वारा गुणवत्ता सही ना होने की जानकारी दी। इसके अतिरिक्त बीएसए ने भी कार्यदायी संस्था द्वारा अन्य किए जा रहे कार्यों की गुणवत्ता सही ना होने की शिकायत की। जिलाधिकारी ने गुणवत्ता सही ना पाई जानी की शिकायत पर ठेकेदार को ब्लैक लिस्टिक करते हुए एफआईआर दर्ज किए जाने के अतिरिक्त टेक्नीकल टीम के सदस्यों पर भी विभागीय कार्यवाही किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि नोडल अधिकारी की पूर्ण जवाबदेही है कि निर्माण कार्य गुणवत्ता के साथ पूर्ण किया जाना सुनिश्चित किया जाए।
जिलाधिकारी श्री अविनाश कुमार ने उत्तर प्रदेश राज्य पर्यटन विकास निगम के 13 कार्यों की समीक्षा करते हुए कार्य में शिथिलता बरतने पर नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने पारीछा तापीय विद्युत गृह में बुद्ध बिहार विपश्यना केंद्र के विकास कार्य की समीक्षा करते हुए मात्र 17% प्रतिशत प्रगति होने पर नाराजगी व्यक्त की। इसी क्रम में उन्होंने माढ़ियाघाट का सौंदर्यीकरण एवं घाट के निर्माण कार्य की समीक्षा की कार्य की कुल लागत 04.66 करोड़ है जिसके सापेक्ष अब तक 03.20 करोड़ की धनराशि अवमुक्त की जा चुकी है परन्तु विभाग द्वारा कार्य की प्रगति बेहद धीमी है। उन्होंने नाराजगी व्यक्त करते हुए कार्य में तेजी लाए जाने के निर्देश देते हुए किए जा रहे कार्यों की जांच के आदेश दिए। इसी क्रम में उन्होंने तहसील टहरौली के लठवारा स्थित हनुमानगढ़ी मंदिर के पर्यटन विकास कार्य के साथ ही बरुआसागर में किला बस स्टैंड का अपग्रेडेशन कार्य, किले की ओर आनेवाली पहुँच मार्ग पर स्ट्रीट फ़र्नीचर के कार्य की प्रगति बेहद धीमी होने पर की नाराजगी व्यक्त की और कार्य को गुणवत्ता के साथ निर्धारित समयावधि में पूर्ण करने के निर्देश दिए।
निर्माण कार्यों की समीक्षा करते हुए उन्होंने ग्रामीण अभियंत्रण विभाग की परियोजनाओं की समीक्षा करते हुए निर्देश दिए की आत्मनिर्भर भारत अभियान के अंतर्गत प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उन्नयन योजना के अंतर्गत बरुआसागर में कॉमन इनक्यूबेंशन केंद्र को नियमानुसार हैंडओवर कराए जाने के निर्देश दिए।
बैठक में इस अवसर पर मुख्य विकास सरकारी श्री जुनैद अहमद,जिला विकास अधिकारी श्री सुनील कुमार, नोडल अधिकारी अधिशाषी अभियंता लोक निर्माण विभाग श्री रजनीश कुमार गुप्ता, अधिशासी अभियंता पीडब्लूडी(भवन) श्री दीपांकर चौधरी, सहित विद्युत विभाग,पर्यटन विभाग, पशुपालन विभाग, कृषि विभाग के जिला स्तरीय अधिकारी एवं कार्यदायी संस्थाओं के अधिकारी मौजूद रहे।
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