दतिया।श्री पीतांबरा पीठ संगीत महाविद्यालय दतिया से संगीता कला रत्न की उपाधि प्राप्त छात्र मयंक सिंह पुत्र गिरिराज सिंह मूलतः ग्राम परासरी के निवासी है, अपनी उम्र के साथी व युवाओं को भारतीय संस्कृति ऋषि परंपरा के महत्व के बारे में समझाते है।इनका उद्देश्य स्वयं के माध्यम से समाज के युवाओं को अनीति व दुर्गुणों से बचाना है मयंक का कहना है कि युवा वही है जिसमें जोश के साथ होश है, जो अनीति से लड़ता है, जो दुर्गुणों से दूर रहता है,जो प्रेरक इतिहास रचता है और क्योंकि युवा शक्ति ही राष्ट्र शक्ति है जब युवा ताकतवर होगा उसमें जोश के साथ होश होगा तभी हमारा राष्ट्र शिखर पर होगा।लेकिन आज के युवा अश्लीलता के विचारों में जकड़े हुए पाए जा रहे है,इसके लिए मयंक सिंह युवाओं को ब्रह्मचर्य से अवगत कराते हैं समझाते हैं और उसके पालन करने से सब सुखों की प्राप्ति होती है इस विचारों से अवगत कराते है ताकि युवा भविष्य में आने वाले समय में किसी भी प्रकार की चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार रहे ,इस कार्य को करने से पहले स्वयं से 511 विद्यालय व शिक्षणसंस्थानों में उपस्थित होकर 20 से 25 मिनट का संबोधन देने का लक्ष्य तय किया फिर 6 सितंबर 2021 से प्रत्येक दिन 4 से 6 विद्यालयों में संबोधन का लक्ष्य तय कर शुरू किया,आप ब्रह्मचर्य, चरित्र, संस्कृत पर संबोधन के बाद युवाओं में राष्ट्र प्रेम की भावना को जागृत करने के लिए तीन से पांच गीत राष्ट्र प्रेम के भी सुनाते हैं जैसे जिस दिन सोया राष्ट्र जगेगा ,उठो जवानों देश की वसुंधरा पुकारती आदि गीतों के माध्यम से युवाओं को जागृत करते हैं। ब्रह्मचर्य के कुछ फायदे जो शास्त्रों में वर्णित है ब्रह्मचर्य के पालन करने से निरोगी रहा जा सकता है , इसके पालन करने से आयु लंबी होती है, ब्रह्मचारी को लोग सम्मान की दृष्टि से देखते हैं, ब्रह्मचारी को सब शुभ गुण अनायास ही प्राप्त हो जाते हैं।
होनहार छात्र मयंक सिंह अभी तक 525 से अधिक संबोधन जिला दतिया व झांसी के शिक्षण संस्थानों में वा विद्यालयों में कर चुके है। यह सब कार्य वह स्वयं के गुल्लक खर्चे से करते हैं जो उन्होंने विगत 7 वर्षों से जोड़े है जब उन्होंने यह कार्य शुरू किया था तब उनकी आयु महज 16 वर्ष थी अब उनकी आयु 19 वर्ष है । अब वह अपने लक्ष्य को प्राप्त कर चुके है फ्री समय रहने पर आगे भी यह कार्य करते रहने के लिए संकल्पित है। ऐसे आया विचार : स्कूल व कॉलेज के दौरान अपने साथियों को अश्लील बातें करते सुनते थे, देश में अश्लीलता तेजी से बढ़ रही है इसमें छोटे-छोटे बच्चे तक फंसते चले जा रहे हैं वे इंद्रियों से कुचेष्टा करने लगे हैं यही कारण है की युवा16 कमजोर हो रहा है। आज की युवा पीढ़ी जरा जरा सी बातों में अवसाद मे आजाती है इसलिए उन्हें बचाने के लिए ब्रह्मचर्य का महत्त्व बताने का विचार आया। परेशानियों का करना पड़ा सामना: मयंक के अनुसार वह अपने निजी खर्चे पर मुहिम चला रहे है।मसलन स्कूल तक आना , जाना, खाना –पीना वह स्वयं वहन करते है इस काम में उन्हें कई परेशानियां भी आई , स्कूल प्राचार्यों से संपर्क करने पर कई स्कूल वालों ने मना कर दिया तो कुछ तैयार हो गए छात्रों के बीच उन्हें बोलने का मौका दिया।
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