महोबा। बुंदेलखंड के महोबा जिले में किसानों की मूंगफली की खरीद को लेकर सरकार के दावे फेल होते नजर आ रहे हैं। सूपा मंडी स्थित पीसीयू क्रय केंद्र पर किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी ) का लाभ नहीं मिल पा रहा है। किसानों ने आरोप लगाया है कि केंद्र के प्रभारी और कर्मचारी प्रति क्विंटल मूंगफली खरीदने के बदले 1500 से 1700 रुपये रिश्वत मांग रहे हैं। किसानों का कहना है कि बिना रिश्वत दिए उनकी मूंगफली की तौल नहीं की जा रही। जिन किसानों ने पैसा दिया, उनकी उपज तुरंत तौल ली गई। जबकि बाकी किसान कई दिनों से इंतजार कर रहे हैं। किसान राजेश राजपूत और अरविंद ने बताया कि टोकन नंबर होने के बावजूद उनकी मूंगफली नहीं खरीदी जा रही। प्रशासन से शिकायत करने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हुई, क्योंकि क्रय केंद्र प्रभारी प्रभावशाली व्यक्ति है। ठंड और बारिश में किसान परेशान किसानों को क्रय केंद्र पर इंतजार करते हुए कई दिन हो गए हैं। ठंड और बारिश के बीच खुले में रहकर उनकी हालत खराब हो रही है। किसान अरविंद ने बताया कि घर में शादी के इंतजाम के लिए वह अपनी मूंगफली बेचना चाहता था, लेकिन रिश्वत न देने के कारण अब तक उसकी उपज नहीं खरीदी गई। धांधली के खिलाफ उठी मांग किसानों ने आरोप लगाया है कि प्रभावशाली किसानों और व्यापारियों की उपज को प्राथमिकता दी जा रही है। जिससे असली किसानों को एमएसपी का लाभ नहीं मिल पा रहा। उन्होंने प्रशासन से मांग की है कि मामले की जांच की जाए। दोषियों पर कार्रवाई की जाए। साथ ही, क्रय केंद्रों पर पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित की जाए। ताकि किसानों को उनकी मेहनत का सही मूल्य मिल सके। किसानों की स्थिति पर अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। जिससे उनमें नाराजगी बढ़ती जा रही है।
Please follow and like us: