झांसी में सनातन संस्कृति संघ की अध्यक्ष हरिप्रिया भार्गव ने सोमवार को आयोजित एक पत्रकार वार्ता के दौरान जानकारी दी कि सनातन रक्षा यात्रा का आयोजन किया जा रहा है। यह यात्रा 18 दिसंबर 2024 से शुरू होकर 22 दिसंबर 2024 तक चलेगी। यात्रा का मुख्य उद्देश्य हिंदू सनातनियों की रक्षा, गौमाता की सुरक्षा, हिंदू मंदिरों की रक्षा और मां गंगा की स्वच्छता और सुरक्षा सुनिश्चित करना है।
यात्रा का उद्देश्य और मांगें
बांग्लादेश में हिंदू सनातनियों और बौद्धों पर हो रहे अत्याचारों को रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाने की मांग।
गौमाता की हत्या पर रोक लगाने और उनकी सुरक्षा के लिए कठोर कानून बनाए जाने की आवश्यकता।
मां गंगा की स्वच्छता और सुरक्षा के लिए विशेष अभियान चलाने और उसे प्रदूषण मुक्त करने की मांग।
हिंदू मंदिरों की रक्षा और सनातन संस्कृति के संरक्षण के लिए सरकार का सहयोग।
यात्रा का मार्ग और प्रमुख पड़ाव झांसी से यह यात्रा शुरू होगी।
इसके बाद यात्रा जालौन, कानपुर, उन्नाव, होलकर होते हुए लखनऊ पहुंचेगी।
लखनऊ में यात्रा के दौरान राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा जाएगा, जिसमें उक्त सभी मांगों का जिक्र होगा।
अयोध्या में विशेष कार्यक्रम
यात्रा का अंतिम पड़ाव अयोध्या होगा, जहां भगवान रामलाल के दर्शन किए जाएंगे। वहां विशेष पूजा-अर्चना और मां गंगा की आरती का आयोजन होगा। इस कार्यक्रम के माध्यम से भगवान से हिंदू धर्म की रक्षा और सुरक्षा के लिए प्रार्थना की जाएगी।
हरिप्रिया भार्गव का बयान
हरिप्रिया भार्गव ने कहा कि उनका संगठन लगातार हिंदू सनातनियों की सुरक्षा और सम्मान के लिए कार्य कर रहा है। उन्होंने बांग्लादेश में हो रहे अत्याचारों का मुद्दा उठाते हुए कहा कि वहां सनातन संस्कृति और हिंदुओं पर लगातार हमले हो रहे हैं। इसके साथ ही गौमाता की सुरक्षा और मां गंगा की स्वच्छता जैसे मुद्दे भी आज अत्यंत महत्वपूर्ण हो गए हैं।
यह सनातन रक्षा यात्रा 18 दिसंबर से शुरू होकर 22 दिसंबर तक चलेगी। इस यात्रा के माध्यम से हिंदू समाज और संस्कृति से जुड़े संवेदनशील मुद्दों पर सरकार और समाज का ध्यान आकर्षित किया जाएगा।