गुरसरांय (झांसी)। भारतीय बौद्ध महासभा के तत्वाधान में एडo रामप्रकाश गौतम (गट्टी बिजौरा) के संयोजन से ग्राम बिजौरा में सामाजिक जागरूकता बैठक का आयोजन कमलेश श्रीवास (बी डी सी बिजौरा) की अध्यक्षता में किया गया।जिसमें हरिकिशोर पटेल प्रधान,मेजर रामप्रकाश, सुरेश कुमार कटियार पूर्व चेयरमैन,जगदीश पटेल अतिथि रहे। सुरेश कटियार कानपुर ने कहा कि समाज में भाईचारा व एकजुटता बनाकर समाज का विकास हो सकता है तभी समाज की समस्याओं का समाधान होगा।पवन अहिरवार ने कहा कि अंधविश्वास पाखंड छोड़कर गौतम बुद्ध के कल्याण कारी नियमों को अपनाना चाहिए।कालका प्रसाद अध्यापक ने कहा कि समाज को समय श्रम व धन बरबाद करने वाली कुरीतियों, परम्पराओं नियमों को त्यागना होगा।तुलसीदास नेता प्रबंधक सूर्यवंशी समिति ने कहा कि गांव गांव जागरूकता अभियान जारी है समाज के लोगों को सामाजिक परिवर्तन की मुहिम में सहयोग करना चाहिए।बलराम निपान ने कहा कि जागरूक लोगों को कहने से ज्यादा श्रेष्ठ आचरण करके दिखाना चाहिए।एड हरीश चौधरी ने कहा कि समाज को अच्छी शिक्षा अपनाकर आर्थिक मजबूत बनना आवश्यक है जिससे संविधान के सपनो का भारत बन सके।श्यामलाल निमगहना ने कविता के माध्यम से कहा “पैलां हमें बुद्धमय बनने,फिर डग आगे खां धरने।”ओमप्रकाश अध्यापक ने कहा कि जब हम सुधरेंगे तब समाज सुधरेगा।रामदास बरारू ने कहा कि हिंसा,चोरी,व्यभिचार, झूठ,नशा आदि विकार छोड़कर अच्छे विचार अपनाएं।मृत्यु भोज जैसी कुरीतियां समाज को त्याग देना चाहिए।प्रेम चौधरी ने कहा कि अपने संविधान में दिए गए अधिकार वोट को लोभ लालच में बेचना नहीं चाहिए।कृपाराम बाबा जी ने कहा मानव मानव समान है एक मानव को दूसरे मानव से भेदभाव नहीं करना चाहिए।राधेलाल बौद्ध ने कहा कि लोगों को हमेशा जागरूक रहना चाहिए।डॉ लक्ष्मी लठवारा ने कहा कि युवायों को अपनी ऊर्जा सामाजिक परिवर्तन में लगाकर समतामूलक समाज बनाने में योगदान देना चाहिए ।रामसेवक फौजी ने कहा फिजुलखर्ची वाली सारी परंपराएं छोड़ना चाहिए।इसके साथ ही हरिदास पसोरा,पंचम लाल भास्कर,ताराचंद्र भास्कर आदि ने भी संबोधित किया। सर्वसम्मति से अंधविश्वास, कुरीति फिजुलखर्ची छोड़ने का संकल्प लिया गया।इस दौरान लालाराम अहिरवार, दीपक आर्य, सौरभ यादव, रोहित लल्ला, पवन चौधरी, चंद्रशेखर, बृजेन्द्र चौधरी, नरेंद्र,कैश कुमार, जयहिंद नामदेव, हरप्रसाद,मुन्ना लाल कुशवाहा,भगवतीशरण, हरिशंकर, जनक सिंह, अर्जुन बौद्ध,दीनदयाल, फूलखां, दृगपाल,कल्लू, राकेश सिंह , जगदीश पाल, रतिराम श्रीवास, काशीराम मास्टर,रामराजा चौधरी, प्रमोद, नंदलाल आदि लोग उपस्थित रहे व कार्यक्रम का संचालन बृज बिहारी दिनकर (अध्यापक) ने किया।
