बुंदेलखंड बुलेटिन न्यूज़
भांडेर । अनुभाग क्षेत्र के अंतर्गत आने बाले ग्राम सालौन ए मे गाँव सालौन से एक किलोमीटर दूर पहूज नदी के किनारे पर श्रृंग ऋषि की तप स्थली पर नदी के किनारे बर्षो पुराने शिव लिंग को मृर्गेश्वर भगवान के नाम से जाना जाता ऐसी भी किवदंती है कि यहां पर श्रृंग ऋषि ने तपस्या की और भगवान शिव की स्थापना की यहाँ पर एक बिशेष चमत्कार है कि जिस किसी भी ब्यक्ति को मृगी की बीमारी होती है दोरा आता है भगवान मृर्गेश्वर की शरण मे आकर बह ब्यक्ति यदि पाँच रविवार या बुधवार पहूज नदी मे स्नान कर भगवान मृर्गेश्वर को जल चढाता है तो उसकी बीमारी ठीक हो जाति है इसकारण से भगवान शिव शंकर का नाम यहां पर मृर्गेश्वर पढ गया ग्रामीणों के अनुसार यहां पर हर बर्ष मकर सक्रांति के दिन एक छोटे से मेले का आयोजन होता है लेकिन मेले की परंपरा धीरे धीरे नाम मात्र की रह गई है और मंदिर का भी जीर्णोद्धार नही हो सका न ही यहां तक पहुंचने के लिए बोई पक्का रास्ता बना है लेकिन यहाँ चमत्कार होते रहते है यह स्थानीय लोगो का कहना है