झाँसी-जिलाधिकारी श्री अविनाश कुमार ने विकास भवन सभागार में अभियोजन समिति की बैठक कर वादो के निस्तारण सम्बन्धित प्रकरणों की समीक्षा करते हुए उपस्थित शासकीय अधिवक्ताओं से एक-एक वाद के संबंध में जानकारी प्राप्त करते हुए प्रभावी पैरवी कर निस्तारण कराए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा वादों के निस्तारण में शासकीय अधिवक्ताओं द्वारा शासकीय हित में श्रेष्ठ कार्य करने पर सम्मानित किया जाएगा।
इस दौरान जिलाधिकारी श्री अविनाश कुमार ने माह दिसम्बर में 24 वादों में शासकीय अधिवक्ताओं द्वारा न्यायालय में अपराधियों को सज़ा दिलाए जाने पर समस्त अधिवक्ताओं के कार्यों की सराहना की, उन्होंने शासकीय अधिवक्ताओं से कहा कि पास्को एक्ट व महिला उत्पीड़न के नए मुकदमों में यदि अधिवक्ताओं द्वारा एक या दो माह में सुनवाई पूरी करते हुए दोषियों को सजा दिलाई जाती है तो सम्बन्धित शासकीय अधिवक्ता को पुरस्कृत किया जाएगा। उन्होने जनपद न्यायालयों या अन्य दूसरे न्यायालयों में लम्बित वादो को सूचीबद्ध करते हुए अधिक से अधिक वादो का निस्तारण कराए जाने हेतु निर्देशित किया। उन्होंने सुझाव देते हुए कहा कि जो वाद बहस के योग्य हो उसमें प्रभावी बहस तथा जिसमें बहस हो चुकी हो उसमें कार्यवाही करना सुनिश्चित किया जाये। उन्होने वादो के निस्तारण में गवाहों की उपस्थिति सौ फीसदी हो ताकि अधिक से अधिक वादो में अभियुक्तों को सजा दिलायी जाना सुनिश्चित किया जा सके।
जिलाधिकारी ने अभियोजन अधिकारियों एवं शासकीय अधिवक्ताओं से कहा कि जिस तरह डकैती के प्रकरणों में अधिक सजा दिलाए जाने और शासकीय हित में कार्य करने पर अधिवक्ता को प्रशस्ति पत्र दे कर सम्मानित किया, आप सभी के श्रेष्ठ कार्य की सराहना करते हुए आपको भी सम्मानित किया जाएगा।
समीक्षा के दौरान जिलाधिकारी ने कहा कि शासन के निर्देशों का शत-प्रतिशत अनुपालन किया जाए। उन्होंने विवेचक द्वारा विवेचना गुणवत्ता के साथ करने के निर्देश दिए ताकि वाद को प्रभावी ढंग से न्यायालय में रखा जा सके और दोषियों को सजा दिलाई जा सके। उन्होने कहा कि महिलाओं से संबधित अपराध, हत्या, अपहरण, बलात्कार जैसी घटनाओं का चार्ट अलग बनाया जाए। उन्होंने पास्को एक्ट में पैरोकार की व्यवस्था करने के निर्देश देते हुए कहा कि लक्ष्य निर्धारित करते हुए अधिक से अधिक दोषियों को सजा दिलाया जाना सुनिश्चित किया जाए जिससे अपराधियों को यह मैसेज जाए कि छोटे से छोटा अपराध करने पर भी वह सजा से बच नहीं सकते।
अभियोजन कार्यों की समीक्षा करते हुए जिलाधिकारी ने उपस्थित शासकीय अधिवक्ताओं से उनके एक-एक वाद की जानकारी ली और प्रभावी बहस करते हुए दोषियों को सजा दिलाए जाने की निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि पास्को एक्ट के मुकदमों में अधिवक्तागण मानवीय दृष्टिकोण अपनाते हुए अधिक से अधिक दोषियों को सजा दिलाएं। उन्होंने शासकीय अधिवक्ताओं द्वारा वादों के निस्तारण में अच्छा प्रदर्शन करने वालों की प्रशंसा की और उनका उत्साहवर्धन करते हुए कहा कि इसी लगन और प्रेरणा के साथ कार्य करें ताकि हर छोटे से छोटे अपराधी को भी सजा दिलाई जा सके।
समीक्षा बैठक में एडीएम ने ई-प्रॉसिक्यूशन पोर्टल पर दैनिक अभियोजन कार्यों की फीडिंग, अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के अंतर्गत अभियुक्तों को सजा दिलाने की स्थिति, प्रर्वतन कार्यों से सम्बन्धित विवरण, आबकारी अपराधों के नियन्त्रण के लिए मारे गए छापों का विवरण, कृषि प्रकोष्ठ द्वारा न्यायालय भेजे गए मामले, खाद्य अप मिश्रण निवारण अधिनियम के तहत कार्रवाई, श्रम विभाग से संबधित विवरण पत्र मिशन शक्ति से सम्बन्धित मामले पाक्सों एक्ट, जुवैनाइल एक्ट, आर्म्स एक्ट, एक्साईज एक्ट आदि पर गहन समीक्षा कर प्रभावी क्रियान्वयन पर बल दिया गया। उन्होंने कहा कि जनपद के अपराधियों में कानून का भय होना अनिवार्य है, अधिवक्ता गण ऐसी पैरवी करना सुनिश्चित करें।
इस दौरान बैठक अपर जिलाधिकारी प्रशासन श्री अरुण कुमार सिंह,पुलिस अधीक्षक ग्रामीण श्री गोपीनाथ सोनी, संयुक्त निदेशक अभियोजन श्री देशराज सिंह, श्री सूर्य प्रकाश पाठक विशेष लोक अभियोजक, श्री विजय सिंह कुशवाहा डीजीसी, श्री मृदुलकांत श्रीवास्तव डीजीसी, श्री दीपक तिवारी,एडीजीसी, श्री अतुलेश कुमार सक्सेना एडीजीसी, श्री संजय देव शर्मा एडीजीसी, श्री नरेन्द्र कुमार खरे,श्री तेज सिंह गौर, श्री देवेन्द्र पांचाल, श्री ज्ञान स्वरूप राजपूत अधिवक्ता सहित समस्त जिला शासकीय अधिवक्तागण, सहायक शासकीय अधिवक्ता विशेष लोक अभियोजक, एपीओ आदि उपस्थित रहे।
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