झांसी। खाती बाबा निवासी लखन लाल मिश्रा उम्र 82 वर्ष, रेलवे से सीनियर सेक्शन इंजीनियर के एड से 2003 में सेवा निवृत हुए थे। अपने कार्यकाल में उन्होंने ट्यूब वेल रोड के निकट खाती बाबा में पत्नी के नाम पर जमीन खरीद कर उस पर मकान व दुकान आदि का निर्माण यह सोच कर कराया था कि रिटायरमेंट के बाद पेंशन एवं दुकान के किराए से अपना बचा हुआ जीवन सुख-शांति से गुजरेंगे, लेकिन बुजुर्ग पिता के कलयुगी पुत्र ने उनका जीवन दूभर कर दिया, पिता द्वारा बनाई संपत्ति को अकेले ही हड़प करने की नियत से आए दिन शराब पी कर, अपने शराबी सहयोगियों को इकट्ठा कर पिता एवं अपने छोटे भाई एवं उसके परिवार के साथ लड़ाई झगड़ा, गाली गलौज, मार – पीट के द्वारा बुजुर्ग पिता, छोटे भाई एवं उसके परिवार को आतंकित कर दबाव बनाने का प्रयास करता रहता है।
इसी क्रम में विगत 21 दिसंबर 24 को जब बुजुर्ग पिता ने मकान के अपने हिस्से की छत की सफाई के लिए लेबर भेजी तो उनके बड़े पुत्र अजय मिश्रा अधिवक्ता और उसकी पत्नी ने एक राय होकर लेबर को बंधक बना कर पीटा, अतिचार किया, बुजुर्ग पिता ने जब विरोध किया तो उनके साथ मारपीट की, गाली गलौज की, जान से मारने की धमकी और पूरी सम्पति पर कब्ज़ा करने की धमकी दी।
इसके पहले बुजुर्ग की दूकान पर भी अजय मिश्रा और कारोबारी दिनेश राजपूत द्वारा कब्ज़ा करा दिया गया था।
इस घटना की शिकायत पीड़ित ने प्रेमनगर थाने मे की जिस पर कोई कारवाही नहीं हुई जिसके बाद से ही पीड़ित 82 वर्षीय कैंसर रोगी बुजुर्ग आज भी न्याय के लिए थाने से लेकर एसएसपी कार्यालय एवं डीआइजी कार्यालय के चक्कर लगा रहा है लेकिन कलयुगी पुत्र के दिए ज़ख्मों पर जैसे पुलिस विभाग की अनदेखी नमक रगड़ने का काम कर रही है। एक तरफ जहां सरकार बड़े बड़े दावे करती है और नारी सुरक्षा, बुजुर्गों की सुरक्षा के लिए अलग से सेल बना कर उनकी समस्याओं को विशेष ध्यान देकर हल करने की बात करती है वहीं दूसरी तरफ पुलिस प्रशासन में बैठे अधिकारी अपनी कार्यशैली से सरकार के दावों की पोल खोलते नजर आते हैं।
आज पीड़ित बुजुर्ग ने पुनः डी0 आई0 जी0 कार्यालय जाकर प्रथम पत्र दिया और एक बार फिर से कार्यवाही का आश्वासन पाकर लौट गए।
बुजुर्ग का कहना है आरोपी को अपने लिए का कोई पछतावा नहीं है, कार्यवाही न होने से उसके हौसले बुलंद हैं तथा वह अभी भी बूढ़े पिता के खिलाफ कोई भी वारदात कर सकता है।