रामपुरा/जालौन। सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र रामपुरा की व्यवस्थाये बद से बत्तर हो चली हैं। कमीशन खोरी के चलते मरीजों की जेबों पर सीधी कैंची चलाई जा रही हैं। सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र रामपुरा की व्यवस्था अपनी बदहाली की दास्तान बया कर रही हैं। अस्पताल में एमबीबीएस डॉक्टर की जगह होम्योपैथिक डॉक्टर कर रहे हैं मरीजों का इलाज, जो अपने आप मे चिन्ता का विषय हैं। वही रामपुरा क्षेत्र में बने प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर डॉक्टरों की तैनाती सिर्फ कागजों में दर्ज हैं। लेकिन वो अपनी सेवाएं रामपुरा अस्पताल में दे रहे हैं। रविवार को रामपुरा अस्पताल में कोई डॉक्टर मौजूद नहीं मिला। जबकि रामपुरा अस्पताल में दो एमबीबीएस डॉक्टर तैनात हैं। लेकिन अस्पताल में ओपीडी कभी कभार चिकित्सा अधीक्षक डॉ प्रदीप राजपूत देखते हैं। इसके अलावा ओपीडी होम्योपैथिक डॉक्टर देखते हैं। बात की जाये इमरजेंसी सेवा की तो कोई भी एमबीबीएस डॉक्टर इमरजेंसी में अस्पताल पर मौजूद नही रहता तथा न कभी मरीजो का इलाज करता हैं। वही फार्मासिस्ट का काम बोर्डबॉय करते हैं। मरीजो को इजेक्शन लगाना व ड्रेसिंग आदि करना वार्डबॉय करता हैं। अस्पताल पर दवाओं का वितरण फार्मासिस्ट की जगह अर्दली से कराई जा रही हैं। रामपुरा अस्पताल में होम्योपैथिक डॉक्टरों की तैनाती काफी सालो से है लेकिन ये डॉक्टर होम्योपैथिक की जगह एलोपैथिक दवाओं को लिखकर मरीजों का इलाज कर रहे हैं। अस्पताल में होम्योपैथिक के नाम पर कोई दवा ही उपलब्ध नहीं हैं। रामपुरा अस्पताल में मरीजो के स्वास्थ्य के से साथ जमकर खिलवाड़ किया जा रहा हैं। रात के समय फार्मासिस्ट ही अस्पताल के डॉक्टर बनकर मरीजो को जरा से बीमारी के चलते जिला अस्पताल रैफर किया जाता हैं। फार्मासिस्ट मनोज सचान की ड्यूटी तो अस्पताल पर अंकित होती हैं लेकिन साहब उरई में उपस्थित होते हैं। चिकित्सा अधीक्षक के लचर रवैये के चलते अस्पताल की व्यवस्था अस्तव्यस्त हो रही हैं।
रामपुरा अस्पताल में डॉक्टरों का विवरण:-
डॉ प्रदीप राजपूत चिकित्सा अधीक्षक,डॉ शिप्रा राजपूत एमबीबीए,डॉ अरुण जादौन होम्योपैथिक,डॉ निशांत लुहरिया होम्योपैथिक,डॉ सचिन आर्या होम्योपैथिक,चिकित्सा अधीक्षक डॉ प्रदीप राजपूत ने कहा कि अस्पताल की व्यवस्था पहले से बेहतर हुई हैं। सभी डॉक्टर समय से ड्यूटी कर रहे हैं।