रिपोर्ट-शौकीन खान/कौशल किशोर गुरसरांय
गुरसरांय (झांसी)। यह दुनिया यह महफिल मेरे काम की नहीं मेरे काम की नहीं हां साहब यह पंक्तियां जब पूरा देश नए साल के जश्न मनाने के लिए 31 दिसंबर रात्रि को तरह-तरह की भव्य पार्टियां और मनोरंजन करके बड़े लोग अपनी मस्ती में चूर थे और प्रशासन भी लग रहा है कहीं जश्न मना रहा होगा लेकिन झांसी जिले की गरौठा तहसील के अंतर्गत गुरसरांय में मोदी चौराहा से गुरसरांय मुख्य मार्ग बेसहारा असहाय मां अपने बच्चों को लिए 31 दिसंबर की रात्रि 7:25 बजे से पूरी रात्रि भीषण ठंड में जिनके पास ओढने के कपड़ा पूरी तरीके से नहीं थे तो दूसरी ओर बिना छत के नीचे रात्रि गुजारना पड़ा दूसरी तरफ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री से लेकर पूरी सरकार का दावा ठंड से कोई गरीब परेशान ना हो इसके लिए सरकार ने रैन बसेरा से लेकर कंबल वितरण और अलाव की व्यवस्था की है लेकिन गरौठा प्रशासन का यहां पर सब कुछ हवा हवाई देखा गया और ठंड इतनी घर के अंदर भी आम लोगों को गर्म कपड़े उपलब्ध होने के बाद भी जीना दूभर हो रहा था यहां पर प्रशासनिक अधिकारियों की पोल खुलती स्पष्ट नजर आ रही है लेकिन बड़े-बड़े बादे करने वाले आला अधिकारियों से लेकर जनप्रतिनिधियों का इस ओर कोई ध्यान नहीं है अब देखना है जिले से लेकर उत्तर प्रदेश शासन ऐसी स्थिति में दोषी जिम्मेदारान लोगों के खिलाफ क्या कार्यवाही करता है अथवा ए महफिल ए दुनिया मेरे काम की नहीं बस इन्हीं शब्दों के साथ विराम लगता है।