रिपोर्ट-शौकीन खान/कौशल किशोर गुरसरांय
गुरसरांय(झाँसी)। उत्तर प्रदेश की झांसी जिले के गुरसरांय थाने का अजीबों गरीब हाल है पहले तो फरियादियों को महीनों चक्कर रिपोर्ट दर्ज करने के लिए लगाने पड़ते हैं और उसके बाद भी रिपोर्ट दर्ज नहीं होती है और तब हार थक कर पीड़ित पुलिस के आला अधिकारियों के पास जाकर या प्रार्थना पत्र भेजकर अपनी फरियाद लगाता है,तो बमुश्किल रिपोर्ट दर्ज होती हैं,इसके बाद रिपोर्ट दर्ज होने के बाद भी खानापूर्ति कर अपराधियों को संरक्षण देकर मामला रफा-दफा कर दिए जा रहे हैं इससे उत्तर प्रदेश पुलिस से लेकर प्रदेश सरकार की छवि धूमिल हो रही है बताते चले 27 नवंबर 2024 को गल्ला मण्डी गुरसरांय के व्यापारी दयासागर नायक के यहाँ से मूंगफली चोरी हुई थी लेकिन रिपोर्ट दर्ज गुरसरांय पुलिस ने नहीं की थी और फरियादी ने जब पुलिस के आला अधिकारियों को और मुख्यमंत्री पोर्टल पर अपनी फरियाद लगाई तो करीब 20 दिन बाद 18 दिसंबर 2024 को मुकदमा दर्ज किया था और रिपोर्ट दर्ज होने के 11 दिन बाद भी पुलिस ने इस प्रकरण में कोई भी कार्यवाही न कर सिर्फ लीपापोती की है ठीक इसी प्रकार 4 नवंबर को एक अवैध कारोबार में संलिप्त ट्रक ने कार सवार को टक्कर घाल दी थी जिसकी कार चालक कुलदीप सिंह पुत्र जयनारायण ने दूसरे दिन रिपोर्ट दर्ज हेतु प्रार्थना पत्र दिया था और गुरसरांय पुलिस कार को गुरसरांय थाना दुर्घटनाग्रस्त हो जाने से लाई थी मौके पर ट्रक को गुरसरांय पुलिस ने भगा दिया था और पीड़ित की रिपोर्ट दर्ज नही की थी तब पीड़ित कुलदीप ने पुलिस के आला अधिकारियों को आपबीती बताई थी जिस पर आला अधिकारियों के निर्देश पर 10 नवंबर को मुकदमा पंजीकृत कर लिया गया था लेकिन घटना के डेढ़ माह बाद भी गुरसरांय पुलिस ने इस संबंध में कोई ठोस कार्रवाई नहीं की वही गुरसरांय के रहने वाले अजय राज सिंह पुत्र अवध किशोर निवासी मातवाना को आयशर 333 सुपर प्लस ट्रैक्टर उनके घर से धमकी देकर और ट्रैक्टर एजेंसी पर किश्त अदा न करने का झांसा देकर ट्रैक्टर उठा ले गया था इस संबंध में पीड़ित अजय राज ने पुलिस के आला अधिकारियों से लेकर मुख्यमंत्री पोर्टल पर मुकदमा दर्ज कराकर कार्यवाही की मांग की थी और इस संबंध में पुलिस आला अधिकारियों द्वारा भी गुरसरांय पुलिस को मुकदमा दर्ज के निर्देश दिए थे लेकिन एक माह से अधिक समय बाद भी अभी तक इस संबंध में गुरसरांय पुलिस ने मुकदमा दर्ज नहीं किया और आजकल कहकर रोज के रोज पुलिस थाने के चक्कर कटवा रही हैं जिससे लग रहा है गुरसरांय पुलिस ने कानून और अपने आला अधिकारियों के निर्देशों पर पर्दा डालने के लिए इस प्रकार की कार्यवाही कर अपराधियों को लगातार संरक्षण दे रही है ताजा मामला 28 दिसंबर शनिवार का है जहां मोदी चौराहे बाजार से दिन को सरेआम चोर अमन किराना स्टोर से एक बोरा मिर्च का खुलेआम चोरी कर ले जाता है जिसकी सीसीटीवी फुटेज सहित पूरे प्रमाण चोरी के हैं और वीडियो वायरल भी हुआ है यहां तक की पुलिस के आला अधिकारियों ने इस संबंध में कार्यवाही के निर्देश झांसी जिले की गुरसरांय पुलिस को दिए हैं बाबजूद इसके 2 दिन गुजर जाने के बाद भी पुलिस ने कोई मुकदमा दर्ज नहीं किया है ऐसी जानकारी मीडिया ने जब थानाध्यक्ष से पूछा तो उन्होंने बताया कि रिपोर्ट लिखाने कोई नहीं आया तो दूसरी ओर संबंधित दुकानदार ने बताया कि रिपोर्ट दर्ज मत करो हम कार्रवाई करेंगे इस प्रकार पुलिस के आला अधिकारियों को भी गुमराह किया जा रहा है इसी प्रकार वर्तमान थानध्यक्ष के कार्यकाल में कटरा वार्ड नंबर 11 में लाखों रुपए की जेबरात चोरी मुकदमा दर्ज होने के बाद भी इसका कोई खुलासा समाचार लिखे जाने समय तक नही हो सका वही गुरसरांय निवासी उमाकांत पाराशर पुत्र छोटेलाल पाराशर निवासी मोहल्ला पायगा पुराने बस स्टैंड की जमीन को कुछ भूमाफियाओं ने षडयंत्र पूर्वक ढंग से रजिस्ट्री करा ली थी इस प्रकरण में पीड़ित उमाकांत पाराशर ने शासन और जिला प्रशासन को प्रार्थना पत्र देकर रिपोर्ट दर्ज कर कार्यवाही की मांग की थी महीनों जांच उपरांत जिलाधिकारी झांसी एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक झांसी के निर्देशों पर मुकदमा थाना गुरसरांय में दर्ज हुआ था और आरोपियों के विरुद्ध चार्जशीट भी प्रेषित कर दी गई है इस प्रकरण में आरोपियों द्वारा 5 दिसंबर 2024 को जमीन पर एंगल गाड़कर कब्जा कर लिया है। इस संबंध में पीड़ित उमाकांत ने थाना दिवस और तहसील दिवस में कई प्रार्थना पत्र दिये हाल का ताजा मामला पीड़ित ने 28 दिसंबर 2024 थाना दिवस गुरसरांय में थाना दिवस की अध्यक्षता कर रहे तहसीलदार गरौठा को प्रार्थना पत्र दिया था कि प्रार्थी का कब्जा हटवाया जाए व आरोपियों को गिरफ्तार किया जाए इस संबंध में मौके पर लेखपाल व गुरसरांय पुलिस भी गई लेकिन आरोपियों से न तो कब्जा मुक्त कराया और न ही थाना गुरसरांय में मुकदमा दर्ज हुआ जबकि इसके पहले जबकि 2 दिसंबर को इसी संबंध में डिप्टी कलेक्टर गरौठा ने भी गुरसरांय थानाध्यक्ष लेखपाल को इस संबंध मे सख्त कार्रवाई के लिए कहा था लेकिन 25 दिन बीत जाने के बाद भी कोई सुनवाई न होना बता रहा है कही न कही गुरसरांय पुलिस का आरोपियों से मिलीभगत है यह भी बता दे इस संबंध में 14 जून 2023 को पीड़ित उमाकांत पाराशर के प्रार्थना पत्र पर थाना गुरसराय में धारा 420,468,504,506,120 बी के तहत आरोपी चंद्रकांत पाराशर पुत्र रामस्वरूप पाराशर, क्रांति देवी पत्नी नित्यानंद मोदी, रचना पत्नी मनीष जैन,सपना पत्नी नीरज जैन,रोशनी पत्नी अनुज जैन,कमलाकांत पुत्र रामेश्वर,मुकेश कुमार पुत्र केशवदास के विरुद्ध मुकदमा पंजीकृत है और इस संबंध में आरोपियों के विरुद्ध चार्ज सीट भी पुलिस थाने से लगा दी गई है यह सब गुरसरांय थानाध्यक्ष को जानकारी होने के बाद भी आरोपियों के विरुद्ध कार्यवाही न करना लग रहा है गुरसरांय पुलिस कहीं ना कहीं अपराधियों को संरक्षण देने का काम कर रही है जिससे दिन प्रतिदिन गुरसरांय थाना क्षेत्र की स्थिति बिगड़ रही है क्योंकि पुलिस को अपने आला अधिकारियों से लेकर संवैधानिक व्यवस्थाएं से भी कोई लेना देना नही है और लग रहा है उत्तर प्रदेश सरकार के समांतर गुरसरांय थाना पुलिस अपना अलग ही रवैया अपनाएँ हुए हैं, मामला टॉप टेंन से लेकर हिस्ट्रीशीटरो पर निगरानी पर भी जहाँ गौर नही किया जा रहा है,और बड़े से बड़े मामले रफा-दफा करने की चर्चाएं इस समय जोरों पर हैं,अब देखना है कि पुलिस के आला अधिकारी से लेकर शासन का गुरसरांय में कानून व्यवस्था कायम करने के लिए अगला कदम क्या होता है।
पीड़ित की नही हो रही सुनवाई
मुहल्ला मातवाना निवासी अजय राज सिंह का कहना है,कि पुलिस के आला अधिकारियों के निर्देश पर गुरसरांय थानाध्यक्ष ने मुझसे एक हफ्ते के अंदर जाँच उपरांत ट्रैक्टर उठाने वालों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज की कार्यवाही कर दी जाएगी लेकिन एक हफ्ता बाद भी उनके समय बताएं अनुसार भी मुकदमा दर्ज नहीं हुआ जाऊ आखिर मैं कहां जाऊं।
फरियादी उमाकांत का कहना
मेरी रिपोर्ट दर्ज के बाद भी जमीन पर 5 दिसंबर को आरोपियों द्वारा कब्जा कर लिया है। इस संबंध में 28 दिसंबर को थाना दिवस में दिए प्रार्थना पत्र पर गुरसरांय पुलिस व लेखपाल मौके पर गया लेकिन आरोपियों के विरुद्ध न तो मुकदमा दर्ज किया न ही कब्जा मुक्त कराया जबकि इसके पहले डिप्टी कलेक्टर गरौठा ने भी थानाध्यक्ष गुरसरांय और लेखपाल को जल्द कार्यवाही के निर्देश दिए थे लेकिन पीड़ित उमाकांत पाराशर को पुलिस प्रशासन से न्याय की जगह केवल धमकियां मिली हैं और आरोपी कभी भी कोई घटना पीड़ित के साथ कर सकते है आखिर अब पीड़ित जाए कहा।