
रिपोर्ट-कौशल किशोर गुरसरांय
गुरसरांय (झांसी)। बंदी दिवस गुरसरांय बाजार का प्रत्येक शनिवार को निर्धारित है लेकिन यहां पर बंदी दिवस होने के बाद भी शनिवार को धड़ल्ले से बाजार खुला और सभी प्रतिष्ठान खुले देखे जा सकते हैं जिसके चलते मजदूरों का शोषण हो रहा है बताते चलें होटलों से लेकर दुकानों और कई उद्योगों में बड़ी संख्या में श्रमिक काम करते हैं लेकिन उन्हें अवकाश के दिन भी मजबूरन काम करना पड़ता है। दूसरी ओर मजदूरों को ना तो शासन द्वारा निर्धारित मजदूरी दी जाती है और श्रम विभाग मैं भी इन मजदूरों का पंजीयन ना होने से पल्लेदारों से लेकर बाजार और कई कारोबार मैं काम करने वाले मजदूरों को शासन द्वारा निर्धारित सुविधा नहीं दी जा रही है जिसको देखकर लग रहा है की उत्तर प्रदेश शासन द्वारा श्रम विभाग के अधिकारियों को ऊंची पगार देने के बाद भी वह कहीं ना कहीं मजदूरों का शोषण करने बालों से मिले हुए हैं जिसका जिंदा प्रमाण गुरसरांय में बाल मजदूरों से लेकर किसी भी मजदूर के उत्पीड़न संबंधी रोकने संबंधी कोई कार्रवाई श्रम विभाग द्वारा नहीं की गई और लगातार बाजार शनिवार को खुलता है।कस्बे व क्षेत्र के लोगों ने जिला प्रशासन से लेकर उत्तर प्रदेश शासन से इस संबंध में जल्द बड़ी कार्रवाई की मांग की है।