उरई/जालौन। जिलाधिकारी राजेश कुमार पाण्डेय व पुलिस अधीक्षक डॉ. दुर्गेश कुमार ने विकास भवन के रानी लक्ष्मीबाई सभागार में जिला सड़क सुरक्षा समिति की बैठक आयोजित की। इस बैठक में सड़क सुरक्षा को लेकर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए, ताकि जनपद में सड़क दुर्घटनाओं की संख्या को कम किया जा सके।
जिलाधिकारी ने जनपद के उन मार्गों का चयन करने की आवश्यकता पर जोर दिया, जो दुर्घटनाओं के लिए संवेदनशील हैं। उन्होंने कहा कि इन मार्गों पर रोड सेफ्टी ऑडिट किया जाए और ऐसे ब्लैक स्पॉट्स के अतिरिक्त, उन हॉटस्पॉट्स की पहचान भी की जाए, जहां भविष्य में गंभीर दुर्घटनाओं की संभावना हो। इसके साथ ही, उन्होंने आवश्यक सुधारात्मक कार्रवाई सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जनपद में अधोमानक हेलमेट निर्माताओं और विक्रेताओं के खिलाफ कार्रवाई की जाए और जनता को जागरूक किया जाए कि केवल ISI/BIS मानक वाले हेलमेट का ही प्रयोग करें। साथ ही, वाहन चालकों और पिलियन राइडर्स को हेलमेट के सही उपयोग के प्रति जागरूक किया जाए। शराब पीकर ड्राइविंग रोकने और अन्य यातायात नियमों के पालन कराया जाए। जिलाधिकारी ने निर्देश दिया कि सड़क मार्गों पर निर्धारित पार्किंग स्थल पर ही वाहनों को खड़ा किया जाए और अवैध रूप से खड़े वाहनों प्रभावी कार्रवाई की जाए। इसके अलावा, हाईवे पेट्रोलिंग को और अधिक प्रभावी बनाने पर जोर दिया गया। सड़क और हाइवे पर विपरीत दिशा में चलने वालों के खिलाफ पकड़कर कठोर कार्यवाही की जाए ।
जहाँ कहीं पर भी पुलिया या सड़क का निर्माण हो रहा है वहाँ पर पक्की दीवार की चिनाई कराकर बंद कर दिया जाए और संकेतक दूर से ही लगा दिया जाए ताकि दुर्घटना की संभावना ना रहे। समस्त उपजिलाधिकारी इसे चेक करके देख लें। उन्होंने कहा कि सड़क मार्गों पर पशुओं के विचरण करते हुए मिलने पर ग्राम प्रधानों, सचिवों और अधिशासी अधिकारियों को की जिम्मेदारी तय की जाएगी।मार्गों पर अवैध कटों को चिन्हित करके उन्हें बंद किया जाएगा।सड़क सुरक्षा के तहत वर्षा ऋतु में उत्पन्न होने वाले पॉट होल्स, तटबंध कटान और क्षतिग्रस्त पुल-पुलियों का निरीक्षण और सुधारात्मक कार्य सुनिश्चित किया जाए। शीत ऋतु में कोहरे के कारण होने वाली दुर्घटनाओं को रोकने के लिए ट्रैक्टर-ट्रॉलियों और अन्य वाहनों पर रेट्रो रिफ्लेक्टिव टेप लगाए जाएं और मार्गों पर रोड मार्किंग की उपलब्धता सुनिश्चित कराई जाए। स्कूली वाहनों, एम्बुलेंस और सरकारी विभागों के वाहनों की फिटनेस जांच के लिए भी नियमित परीक्षण किया जाए। स्कूली वाहनों के चालक का चरित्र और लाइसेंस सत्यापन किया जाएगा, और इन वाहनों पर ड्राइवर तथा स्कूल प्रबंधक के नंबर डिस्प्ले किए जाएंगे। यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि स्कूल वाहन 40 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से अधिक न चलें।जिलाधिकारी ने दोपहिया और चार पहिया वाहन चालकों को यातायात नियमों का पालन करने के लिए जागरूक करने के निर्देश दिए। इस संबंध में जन जागरूकता कार्यक्रम विभिन्न माध्यमों से चलाए जाएंगे, ताकि सड़क सुरक्षा को सुनिश्चित किया जा सके और दुर्घटनाओं को रोका जा सके।
इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी राजेंद्र कुमार श्रीवास, नगर मजिस्ट्रेट राजेश कुमार वर्मा, जिला विद्यालय निरीक्षक राजकुमार पंडित, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी चंद्र प्रकाश, सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी राजेश कुमार, सुरेश कुमार वर्मा, ट्रैफिक इंस्पेक्टर वीर बहादुर आदि सहित प्रबंधक व प्रधानाध्यापक मौजूद रहे।
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