रिपोर्ट -शौकीन खान/कौशल किशोर गुरसरांय
गुरसरांय (झांसी)। नगर पालिका परिषद गुरसरांय के अधिकारी जो फरमान कर दें वह कम ही है और लगता है शासन के नियमों आदेशों और नियमावलीओ से उन्हें कुछ लेना देना नहीं लगभग 10 दिन से छोटे फेरी लगाकर अपने परिवार का दो वक्त का भरण पोषण करने वाले अति छोटे फेरी लगाने वालों के ऊपर नगर पालिका परिषद गुरसरांय ने बाजार शुल्क (शहरी फेरी नीति अंतर्गत) सड़क किनारे और बस्ती में फेरी लगाकर सब्जी, टिकिया पानी आदि आदि बेचने वाले छोटे कारोबारियों पर प्रतिदिन का टैक्स चालू कर दिया है जिन्हें नगर पालिका परिषद की रसीद मोहर लगाकर दी जा रही है लेकिन हस्ताक्षर वसूली कर्ता का स्पष्ट नाम और पद नहीं खोला है वहीं दूसरी ओर कोई भी कर लगाने के पहले अखबार में गजट कराना अनिवार्य होता है लेकिन बिना गजट के बिना मुनादी के यह टैक्स गरीबों से वसूली होने लगी है लेकिन उन्हें कोई भी जगह ना देने से बाजार में और चौराहों से बड़े दुकानदार अतिक्रमण के नाम पर भगा देते हैं फिर टैक्स वसूली क्यों? वहीं दूसरी ओर पिछले माहो में गृह कर भी नियम विरुद्ध जनता पर थोप दिया गया था जिसको लेकर अभी तक मामला विवादित चल रहा है और जनता में नगर पालिका की कार्यशैली से जनता में रोष है इस प्रकार आए दिन रोज के रोज नगर पालिका गुरसरांय जहां जनता को परेशानी में डाल रही है वही शासन और जिला प्रशासन की छवि धूमिल हो रही है कस्बे के लोगों ने जनहित व शासन हित में आयुक्त झांसी और उत्तर प्रदेश शासन से शीघ्र कार्यवाही की पहल की है।