रिपोर्टर- करतार सिंह यादव खुरई
देव हनुमान मंदिर समिति पंडित का कुआ द्वारा आयोजित शिव अन्नपूर्णा प्रतिष्ठा अनुष्ठान में चतुर्थ दिवस की कथा में देवी राजराजेश्वरी ने चारों वर्णों को एक दूसरे का अंग बताते हुए कहा कि जब एक ही शरीर से उतपन्न हुए तो अलग कैसे हो सकते हैं, चारों वर्ण ब्रम्हा की संतान हैं किसी एक के बिना भी किसी का काम नहीं चलता।
देवी जी कल्पो का परिचय बताया ।आज श्री कृष्ण जन्म की कथा मे देवी जी ने कृष्ण जन्म से पूर्व मन्वन्तरो की कथा एवम राम जन्म की कथा कहि।वर्तमान कल्प श्वेत बारह कल्प है ।
श्रीमद्भागवत कथा में देवी जी ने बलि वामन की कथा सुनाई।कृष्णजन्म कि कथावके पूर्व रामजनम की कथा कहि।
आज कृष्ण जन्म की कथा में सभी भक्तों ने नाचकर झूमकर नृत्य करते हुए जन्मोत्सव मनाया एवम बधाईयां गाई।
आज अष्टम स्कंद की कथा में राजा बलि द्वारा रक्षाबंधन की प्रथा प्रारम्भ किये जाने की कथा कहि।
1008 महामंडलेश्वर श्री विशम्भरदास जी महाराज का आशीर्वाद लेने हेतु भक्तों का तांता लगा रहा।कल रात्रि में राधे राधे मंडल सागर द्वारा यँहा भजनों की प्रस्तुति देर रात्रि चली।