विद्यालय में अध्यापकों की चल रही मनमानी, किया जा रहा बच्चों का भविष्य के साथ खिलवाड़

विनय नगायच ब्यूरो चीफ झाँसी

झाँसी-विद्यालय में एक चलन सा चल गया है जहां पर प्रधानाचार्य एवं अध्यापक द्वारा उनकी मनमर्जी से कार्य न करने देने पर गांव वासियों द्वारा शिकायत करने पर गांव व प्रधान को आए दिन फर्जी मुकदमा एवं तानाशाही दिखाने से बाज नहीं आ रहे वही इन कम्पोजिट विद्यालय के अध्यापक व प्रिंसिपल को मनमानी ना करने देने पर ग्राम वासियों को धमकाया जाता है कुछ दिनों पश्चात मौठ तहसील क्षेत्र से मामला सामने आया था जहां पर विद्यालय के अध्यापक प्रिंसिपल द्वारा ग्राम वासियों को फर्जी मुकदमे में फंसाने की धमकी दी जा रही थी और अब चिरगांव ब्लॉक के ग्राम पंचायत पच्चरगढ़ में ही ऐसा मामला सुनने को आया है जहां पर प्रधानाध्यापक व अध्यापिका के खौफ मेंहै प्रधान व गांव बसी वही ग्राम प्रधान को सारे अधिकार होने के बाद भी अपने ही अधिकारों से रहना पड़ रहा वंचित वही दूसरी तरफ विद्यालय में आने वाले बच्चों को नहीं मिल पा रहे हैं सुविधाएं ना तो समय से टीचर आते हैं और ना ही कोई जिम्मेदारी आखिर इन मासूमों के भविष्य से क्यों हो रहा है खिलवाड़ प्रधानाध्यापिका ग्राम प्रधान को अपमानित कर झूठे मामले में फंसाने की कोशिश कर रही है।आपको बताते चले कि जैसे इन विद्यालयो के अध्यापकों को किसी अधिकारी की संरक्षण प्राप्त हो जिसके चलते कमपोजिट विद्यालय में तैनात प्रधानाध्यापिका के मनमानी तरीके से कार्य चल रहा है जिसमें ना तो वह पढ़ाई पर आती हैं और ना ही बच्चों पर ध्यान दिया जाता है वही ग्राम वासियों ने आरोप लगाए हैं की प्रधानाध्यापिका के डर से अभिभावक भी विद्यालय में जाने में डरते-हैं उनका कहना है कि ग्राम प्रधान ने आरोप लगाए कि प्रधानाध्यापक उन्हें झूठे आरोपों में फंसाने की कोशिश करती है और साथ ही ग्राम वासियों ने बताया कि उनके बच्चों द्वारा विद्यालय में काम भी कराया जाता है जिसमें बच्चों द्वारा भी बताया गया है कि उनके अध्यापक खाने में उन्हें केवल दो रोटी देती हैं और मांगने पर मना कर दिया जाता है वही ग्राम प्रधान ने आरोप लगाया है की विद्यालय में जाने पर विद्यालय की प्रधानाध्यापिका और रसोइयों के द्वारा उनको अपमानित किया गया गलत टिप्पणियां भी की गई है साथ ही विद्यालय में समिति की बैठक हुई है जिसमें ना तो अभी तक किसी अधिकारी द्वारा उन्हें बताया गया है कि अध्यक्ष कौन है विद्यालय में शौचालयों में ताले पड़े हुए हैं और कुछ शौचालय में गंदगी पड़ी है जिससे बच्चे शौचालय में शोच के लिए नहीं जाते हैं विद्यालय में प्रधानाध्यापका का डर इतना है कि स्टाफ भी कुछ कहने से डरते हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *