मुस्करा हमीरपुर!
माइनर में पानी न आने से किसान मायूस हो गए हैं। जहां एक तरफ मौसम में गर्मी बढ़ती चली जा रही है तो वहीं फसल को पानी की आवश्यकता भी बढ़ गई है। जिसके चलते किसान माइनर की ओर टकटकी लगाए पानी की आस में बैठे हैं कि कब माइनर में पानी आएगा और कब अपनी सूखती हुई फसल को सींच पाएंगे?
ज्ञात हो कि अर्जुन बांध से निकली बड़ी नहर से ऐंझी माइनर द्वारा मुस्करा मौजा की सिंचाई होती है। जिसमें मुस्करा के काबर मौजा, लूका मौजा, गुछरा मौजा सहित कई मौजों की सिंचाई होती है। पिछले कई वर्षों से माइनर में पानी आना बंद हो गया था। जिसके चलते किसान मायूस हो गए थे। लेकिन पिछले 2 वर्षों से माइनर में कभी कदार पानी आ जाने से किसानों में सिंचाई की उम्मीद जागी है। लेकिन समय से पानी न आने का मुख्य कारण सिंचाई विभाग के कर्मचारियों की लापरवाही नजर आती है। पानी न आने का कारण बड़ी नहर की तली से माइनर की ऊंचाई ज्यादा होना बताया जा रहा है। नहर से पानी माइनर में नहीं चढ़ पाता। साथ ही साथ समय से माइनर की दरेसी और सफाई भी नहीं की जाती। जबकि कागजी तौर पर प्रतिवर्ष दरेसी दिखाई जा रही है। वहीं मौजूदा समय में माइनर में गंदगी का अंबार लगा हुआ है।
कस्बा के किसान पंडित केशव प्रसाद द्विवेदी ने बताया कि माइनर से उनकी 30 बीघे जमीन की सिंचाई होती है। लेकिन माइनर में पानी न आने से उनकी फसल की सिंचाई दूबर हो रही है। जिसके चलते प्रतिवर्ष फसल में नुकसान होता है। किसान ने बताया कि पलेवा के वक्त थोड़ा बहुत पानी माइनर में आ गया था। जिसके चलते बुआई हो पाई थी। लेकिन उसके बाद से माइनर नहर की तली से ऊंची होने के कारण पानी नहीं आ रहा है। जिससे फसल सूखने की कगार पर आ गई है। बताया कि अब फसल पकने वाली है। इस समय गेहूं में पानी लगाना अति आवश्यक है। यदि पानी नहीं मिला तो फिर से फसल में नुकसान का सामना करना पड़ेगा।
ब्यूरो रिपोर्ट: अमित त्रिवेदी