विनय नगायच ब्यूरो चीफ झाँसी
झाँसी-भारत सरकार के पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रदीप जैन आदित्य पथरिया पंचकल्याणक महोत्सव में सम्मिलित हुए जहां उन्होंने गणाचार्य श्री 108 विराग सागर जी महाराज के दर्शन कर आशीर्वाद प्राप्त किया जहां लगभग 350 साधु साधना रत है।
श्री आदित्य ने पंचकल्याणक महोत्सव में अपने उद्बोधन में झांसी में हुए यति सम्मेलन को स्मृति में लाते हुए कहा कि जिस प्रकार झांसी में पहले यति सम्मेलन हुआ था जो एक आस्था का केंद्र था। उसी प्रकार आज पथरिया में यति सम्मेलन एवं पंचकल्याणक महोत्सव चल रहा है। जहां एक साथ 350 साधु अपनी साधना में साधना रत है। यह निश्चित ही भारत की आस्था का केंद्र बनेगा।
विशेष प्रकाश डालते हुए कहा कि यह मानव जीवन के लिए कल्याणकारी मार्ग है,इससे संपूर्ण भारत ही नही बल्कि विश्व शांति के लिए एक रास्ता निकलेगा। जिससे मानव जाति का कल्याण होगा। एवं धर्म का मार्ग प्रशस्त होगा। और बुंदेलखंड का नाम संपूर्ण भारत में रोशन होगा। एवम पथरिया विरागोदय तीर्थ संपूर्ण भारत की आस्था का केंद्र होगा।
इस अवसर पर पंचकल्याणक महोत्सव समिति, यति सम्मेलन समिति द्वारा श्री आदित्य का अभूतपूर्व अभिनंदन किया गया। 350 से अधिक साधु-संतों की आशीष इन्हें प्राप्त हुई। इतने सारे संतो के दर्शन कर श्री आदित्य भाव विभोर हो उठे। और उनके चेहरे की खुशी यह साफ-साफ बयां कर रही थी कि वह अंदर से कितने खुश थे।
श्री आदित्य के जीवन कृतित्व पर अगर नजर डाली जाए तो उनका जीवन सदा सादगी पूर्ण रहा है एवं जैन समाज के लिए उनका योगदान अविस्मरणीय है। श्री आदित्य द्वारा अल्पसंख्यक के विषय में भी कई कार्य जैन समाज के लिए किए गए हैं। उन्होंने संथारा, व हाल ही में उपजे सम्मेद शिखर तीर्थ विवाद को सुलझाने में अहम भूमिका निभाई है जिसे जैन जगत जैन समाज सदा याद रखेगा।