
रिपोर्ट -शौकीन खान गुरसरांय
गुरसरांय (झांसी)।कस्बे के डॉक्टर भीमराव अंबेडकर पार्क में ज्ञान ज्योति फातिमा शेख की 73 बी जयंती का आयोजन अख्तर राईन द्वारा किया गया जिसकी अध्यक्षता निशा शेख एवं संचालन बॉबी खान ने किया। उक्त अवसर पर लालाराम अहिरवार ने राष्ट्रमाता सावित्रीबाई फूले का शरण दाता बताते हुए उनके साथ लड़कियों को पढ़ाने का काम किया चंद्र प्रकाश चौरसिया ने पार्क मैं डॉक्टर अंबेडकर साहब की मूर्ति लगवाए जाने की उपस्थित लोगों से अपील करते हुए उन्हें फातिमा शेख द्वारा बताए रास्ते पर चलने को कहा राइट विजन बेलफेयर सोसाइटी मऊरानीपुर के प्रबंधक कालका प्रसाद ने कहा कि उन्होंने फूले दंपत्ति के साथ पांचो विद्यालयों में पढ़ने के लिए फातिमा शेख मोहल्लो में जाकर प्रेरित करती थी इस मौके पर प्रबुद्ध भारत कैलेंडर को विमोचन किया गया श्याम वाल्मीकि ने फातिमा शेख को शिक्षण कार्य के लिए आजीवन चैंपियन की उपाधि से नवाजे जाने सम्मानित किए जाने की जानकारी दी वीरेन्द्र यादव ने सभा को संबोधित करते हुए महिलाओं की शिक्षा प्रतिशत को चिंतनीय बताते हुए उनकी शिक्षा पर विशेष ध्यान दिए जाने की बात कही सभा को लल्लीराम कुशवाहा, धर्मदास कुशवाहा, भगवानदास बौद्धाचार्य, भानु प्रताप बरार, हरनारायण कुशवाहा, जनक सिंह कुशवाहा, शिवदयाल अंबेडकर, महेंद्र फौजी, कौशल किशोर ने संबोधित किया। अंत में अध्यक्षी भाषण में फातिमा शेख को प्रथम शिक्षिका अल्पसंख्यक समाज की बताया। उन्होंने बताया कि उनका पालन पोषण मुंशी गफ्फार बेग ने किया। उन्होंने महिलाओं को तथा पसमांदा समाज को ज्ञान अर्जित करना चाहिए। उन्होंने बताया कि पसमांदा समाज जो दलित अल्पसंख्यक है जिनकी संख्या 85 प्रतिशत है। उन्हें संविधान की धारा 341 के पैरा 3 के अनुसार आरक्षण में प्रतिबंधित किया गया। इसके लिए संघर्ष करना होगा आभार बहादुर सिंह उर्फ बॉबी पान वाले ने उपस्थित लोगों को आभार व्यक्त किया। इस मौके पर पंखी, उमा देवी, श्यामा देवी,राधेलाल पेंटर, बालाराम लचौरिया, बॉबी खान, अखंड बाल्मीकि, मातादीन रजक, ललित किशोर श्रीवास, रमजान पठान, ललित किशोर श्रीवास, लखन लाल नागर, मंगल प्रसाद, अजीत कुमार, गोटी राम, मनोज कुमार पूर्व प्रधान मड़ोरी, कंचन दादी, उमाशंकर शिवहरे, मनीष चौधरी, अखिलेश घोष, रजत बाल्मीकि, बहोरन लाल, राजू वाला, नंदकिशोर भास्कर, अशोक कुमार वर्मा, ग्या प्रसाद मिस्त्री, मान खान मंसूरी, डब्लू, महबूब खान, जवाहरलाल, पूरनलाल, गगन यादव, रामपाल, करन राज आदि लोग बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।