
गुरसरांय (झांसी)। उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक देवेंद्र सिंह चौहान के कार्यभार ग्रहण करने के बाद झांसी जिले के पुलिस कप्तान शिवहरि मीणा के कुशल निर्देशन में आखिरकार झांसी जिले का हाई प्रोफाइल प्रकरण स्वास्थ्य विभाग के गुरसरांय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मैं तैनात रहे प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर रविंद्र सिंह द्वारा महिला फार्मासिस्ट द्रोपती वर्मा द्वारा 22 मार्च 2022 मंगलवार की रात्रि अस्पताल में फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली थी उसकी रिपोर्ट थाना गुरसरांय में उसके पिता विजय शंकर पुत्र जशोदा नंदन निवासी ग्राम बाबई थाना चुर्खी जिला जालौन ने 24 मार्च 2022 को दर्ज कराई थी लेकिन इसमें मुख्य आरोपी के रूप में उभरे डॉक्टर रविंद्र सिंह की स्वास्थ्य विभाग से लेकर ऊपर तक पहुंच होने के चलते यह मामला पूरा दबा हुआ था इसी प्रकार गुरसरांय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में प्रभारी चिकित्सा अधिकारी के पद पर तैनात रहते हुए डॉक्टर रविंद्र सिंह ने एक महिला के साथ चरित्र हीनता का दुस्साहस किया था इस संबंध में भी गुरसरांय थाने में अपराधिक मामला दर्ज था लेकिन आरोपी अपराधी डॉक्टर रविंद्र सिंह अपनी ऊंची पहुंच और रुपयों की ताकत की बल पर लगातार अपनी मनमाफिक तैनाती स्वास्थ्य विभाग के झांसी सीएमओ से लेकर स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारियों पर अपनी पकड़ बनाए हुए था वही कहीं ना कहीं ऊंची पहुंच का लगातार लाभ ले रहा था और जिसके चलते वह एक के बाद एक दुस्साहस पूर्ण महिलाओं के साथ घटनाएं करता रहा और पीड़ित पक्ष को प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शासन से पूरा भरोसा था

कि एक ना एक दिन निश्चित ही उसे न्याय मिलेगा और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री द्वारा जब पुलिस विभाग में महत्वपूर्ण महानिदेशक पुलिस उत्तर प्रदेश में नई तैनाती 13 मई 2022 को देवेंद्र चौहान आईपीएस देवेंद्र सिंह चौहान की गई तब से झांसी जिले के पुलिस कप्तान शिवहरि मीणा और अपर पुलिस अधीक्षक ग्रामीण नैपाल सिंह निर्देशन में क्षेत्राधिकारी गरौठा आभा सिंह की देखरेख में गुरसरांय थाने में तैनात तेज तर्रार ईमानदार और दिन-रात मेहनत करने वाले थाना प्रभारी अरुण कुमार तिवारी इन अपराधिक घटनाओं का पूरी तरह इमानदारी से खुलासा हो सके और पीड़ितों को न्याय मिल सके लगे हुए थे लेकिन आरोपी प्रभावशाली होने के चलते पुलिस को लगातार चकमा दे रहा था तो स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी भी कहीं ना कहीं जानबूझकर डॉक्टर रविंद्र सिंह को संरक्षण देकर उसके द्वारा किए जा गलत कामों को जानते हुए भी उसकी उसके मुताबिक नई नई जगह तैनाती दे कर बचा रहे थे जिसका जिंदा प्रमाण झांसी सीएमओ ने उसे चिरगांव प्रभारी चिकित्सा अधिकारी पद पर तैनात किया था और झांसी मंडल की एक स्वास्थ्य अधिकारी ने निरीक्षण दौरान उसे लगातार कई दिनों से अनुपस्थित पाया था इसके बावजूद भी उसे स्वास्थ्य विभाग के सीएमओ से लेकर अधिकारियों द्वारा लगातार बचाया जाता रहा और तो और जब डॉक्टर रविंद्र सिंह ने गुरसरांय तैनाती दौरान एक महिला के साथ छेड़खानी आदि दुराचार किया तो उसे गुरसरांय से पहले हटाकर झांसी संबंधी करण कर लिया और कुछी दिनों में चिरगांव तैनाती दी गई लेकिन गुरसरांय का सरकारी आवास खाली नहीं कराया गया और जिसके चलते वह रात-विरात गुरसरांय सरकारी आवास पर आता रहा और गलत कामों में संलिप्त रहा और इसी दौरान महिला फार्मासिस्ट द्रोपती वर्मा को आत्महत्या को विवश होना पड़ा जो उसका उसके द्वारा मृत्यु के पहले सुसाइड नोट लिखा मिला और मोबाइल पर जो उसे जबरदस्त उत्पीड़ित किया गया वह सब रिकॉर्ड संकेत करता है लेकिन वास्तव में उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक देवेंद्र सिंह चौहान और झांसी पुलिस कप्तान शिवहरि मीणा के सख्त निर्देश पर गुरसरांय थाना प्रभारी पद पर तैनात तेज तर्रार ईमानदार और आम जनता से जुड़े प्रभारी अरुण कुमार तिवारी ने जिस सूझबूझ से झांसी जिले के इन हाई प्रोफाइल प्रकरणों का खुलासा किया है वह काबिले तारीफ है थाना प्रभारी अरुण कुमार तिवारी के साथ गिरफ्तार करने पुलिस टीम सब इंस्पेक्टर शेर पाल सिंह, सब इंस्पेक्टर कुलभूषण सिंह, सब इंस्पेक्टर अंकित पंवार हेड कांस्टेबल मंजीत कुमार, कांस्टेबल पांच नवंबर सत्यम मिश्रा, कांस्टेबल 993 प्रिंस कुमार, महिला कांस्टेबल 1719 राठौर पूजा देवी ने मुकदमा अपराध संख्या 118/21 धारा 376/354/504 आईपीसी के संबंधित अभियुक्त डॉक्टर रविंद्र सिंह पुत्र स्वर्गीय हरेलाल निवासी आवास विकास कॉलोनी थाना सिकंदरा जनपद आगरा हाल पता मून सिटी ब्लॉक नंबर 301 झांसी को अग्रिम कार्यवाही हेतु गिरफ्तार कर न्यायालय झांसी भेजा गया अभियुक्त डॉक्टर रविंद्र सिंह का अपराधिक इतिहास खंगाला गया तो गुरसरांय थाने में मुकदमा अपराध संख्या 118/21 धारा 376/354/504 आईपीसी तो दूसरा प्रकरण मुकदमा अपराध संख्या 69/22 धारा 306/506 आईपीसी थाना गुरसरांय जिला झांसी में दर्ज पाया गया बताते चलें पुलिस को लगातार चकमा दे रहे आरोपी डॉक्टर रविंद्र सिंह को गुरसरांय पुलिस ने गिरफ्तार करने में सर्विलांस नेटवर्क की मदद ली थी और 28 जून 2022 को समय 16.20 बजे कुंदन ढाबा कस्बा व थाना चिरगांव से उस समय गिरफ्तार किया जब वह गुरसरांय पुलिस को चकमा देकर फिर से भागने की फिराक में था आरोपी डॉक्टर रविंद्र सिंह और गुरसरांय पुलिस के बीच गिरफ्तारी को लेकर तू डाल डाल मैं पात पात का यह खेल दो माह से अधिक समय से चल रहा था जिसका 29 जून को गुरसरांय पुलिस ने आखिरकार गिरफ्तार करके ना केवल झांसी जिले के पुलिस विभाग का विश्वास बढ़ाया है वहीं दूसरी ओर कहीं ना कहीं स्वास्थ्य विभाग में आस्तीन के सांप पाले उच्चाधिकारियों की भी पोल खुल गई है क्योंकि गिरफ्तारी के 1 दिन पहले ही डॉक्टर रविंद्र सिंह का गुरसरांय सरकारी आवास खाली कराया गया है और दूसरे डॉक्टर को आवंटन किया गया है।


काश समय रहते स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी करते कार्रवाई तो फार्मेसिस्ट द्रोपती वर्मा की आत्महत्या ना होती………….?
प्रभारी चिकित्सा अधिकारी पद पर रहते हुए डॉक्टर रविंद्र सिंह के विरुद्ध मुकदमा अपराध संख्या 118/ 21 धारा 376/354/504 आईपीसी में थाना गुरसरांय में दर्ज हुआ था जिसके चलते डॉक्टर रविंद्र सिंह ने अपने प्रभाव के बल पर अपना स्थानतरण झांसी करा लिया था जबकि इस घटना के बाद उसके विरुद्ध विभागीय कार्यवाही सीएमओ झांसी को जिले से लेकर शासन स्तर तक करना चाहिए थी लेकिन नहीं की बल्कि उसे चिरगांव सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का चार्ज दे दिया गया और तो और गुरसरांय सरकारी अस्पताल परिसर में बने सरकारी आवास को भी खाली नहीं कराया गया जिसके चलते वह यहां रात-विरात आता जाता रहा और उसकी आदत में सुमार गलत काम करना जारी रहा जिसके चलते सवाल उठ रहा है कि डॉक्टर रविंद्र सिंह ने जिस तरीके से महिला फार्मासिस्ट का उत्पीड़न किया है जिसको लेकर उसे आत्महत्या करने को विवश होना पड़ा और उसकी सुसाइड नोट में स्पष्ट लिखा था जो इस प्रकार है।