
गुरसरांय(झांसी)।इलाहाबाद सुपर टेट की तैयारी कर रहे नगर का एक होनहार युवा की बनारस में गंगा नदी में स्नान के दौरान डूबने से मौत। घर में मचा कोहराम सदमें में पहुंचे परिजन। विषम परिस्थितियों के चलते योगेश सोनी का बनारस में ही हरिश्चन्द्र घाट पर किया गया अंतिम संस्कार। योगेश सोनी की मां की हालत खराब। इस हृदय विदारक घटना से हर व्यक्ति दुःखी था।
गुरसराय निवासी योगेश सोनी पुत्र छिकोड़ी सोनी उम्र लगभग 26 वर्ष इलाहाबाद में रहकर सुपर टेट की तैयारी कर रहा था। जो अपने दोस्तों के साथ बनारस बाबा विश्वनाथ के दर्शन करने एवं घूमने के लिए इलाबाद से गया था। वह सुबह अपने दोस्तों के साथ गंगा नदी में स्नान करने के लिए स्नान के दौरान वह गहरे में जाने के कारण एवं वहाव के कारण वह डूब गए। योगेश सोनी तीन भाई थे इनका सबसे बड़ा भाई हेमंत सोनी सर्विस करता हैं और दूसरा भाई पिता के साथ रहकर काम करता है। योगेश भाईयों में सबसे छोटा था। इसलिए इससे सभी लोग बहुत स्नेह करते थे। इनके पिता छिकोड़ी सोनी एक छोटी सी मैकेनिकल की दुकान कर परिवार का भरण पोषण करते हैं। योगेश सोनी पढ़ने में बहुत ही होशियार, मिलनसार एवं व्यवहारिक था। इस घटना की जानकारी मिलते ही योगेश का बड़ा भाई हेमंत सोनी एवं वार्ड के सभासद गजेन्द्र सोनी बनारस के लिये रवाना हो गये। लेकिन उनके परिजनों को इसकी जानकारी काफी समय तक नहीं दी गई। लेकिन यह घटना नगर में फैलते ही हर व्यक्ति दुखी था और उनके घर लोगों का आना जाना शुरू रहा। जब घर पर पहुंचने वालों का तांता शुरू हुआ तो घर का माहौल अलग ही होता चला गया। आखिरकार योगेश के पिता छिकोड़ी सोनी को घटना की जानकारी से उनके शुभचिंतकों ने अवगत कराया। जिसके चलते उनकी हालत गम्भीर हो गई। वहीं उसके छोटे भाई रामू सोनी का भी बुरा हाल रहा। इन विषम परिस्थितियों के चलते परिजनों को धीरे धीरे घटना को लेकर अहसास होने लगा देर शाम घर के लोगों को अवगत कराया गया। जानकारी मिलते ही योगेश सोनी की माताजी की बुरा हाल हो गया और घर पर कोहराम मच गया। हर कोई इस घटना को लेकर व्यथित था। लेकिन योगेश सोनी की मां की हालत बहुत ही दुःख दायी एवं गम्भीर हो गई। बनारस में ही योगेश सोनी के शव को बड़ी मशक्कत के बाद खोजबीन कर पाया गया जहां पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा। गुरसरांय से पहुंचे उनके बड़े भाई हेमंत सोनी एवं सभासद गजेन्द्र सोनी को योगेश सोनी का शव बनारस पुलिस ने सुपुर्द किया गया। विषम परिस्थितियों के चलते आखिरकार बनारस में ही हरिश्चन्द्र घाट पर ही उनका अंतिम संस्कार कर दिया गया। घटना को लेकर सांत्वना देने वालों का तांता लगा रहा।