
गुरसरांय (झांसी)। ग्राम बामौर में वर्षों पुराने रामजानकी के मंदिर का छज्जा तोड़ दीवार बनाकर दबंगों ने किया परिक्रमा पथ बंद। दबंगों की दबंगई के आगे तहसील प्रशासन से लेकर पुलिस प्रशासन आज तक नहीं हटा पाया किया गया अबैध कब्जा। आखिरकार ग्राम वासियों को जिलाधिकारी सहित वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक का दरबाजा खटखटाना पड़ा। इस घटना को लेकर ग्रामीणों में फूटा आक्रोश और प्रशासनिक अधिकारियों की कार्य शैली के चलते बामौर व क्षेत्र की जनता नाराज। क्योंकि एक दबंग अधर्मी व्यक्ति द्वारा अधार्मिक कार्य को बढ़ावा दिया जा रहा है और पुजारी सहित गांव के लोगों को न्याय के लिए दर दर भटकना पड़ रहा है।

ग्रामीणों ने एवं मंदिर के पुजारी दिलीप साना ने बताया कि वर्षों पुराने रामजानकी मंदिर को ग्राम के कुछ शरारती दबंगों द्वारा मंदिर का छज्जा तोड़कर क्षतिग्रस्त करके मंदिर की दीवार से सटाकर दीवार उठा ली है और परिक्रमा पथ को पूरी तरह बंद करके अनाधिकृत कब्जा कर लिया है। जिससे क्षेत्र में श्रद्धालुओं की भावनाएं आहत हुई है और विवाद की स्थिति पैदा हो हुई है। दबंगों द्वारा जब छज्जा तोड़ा जा रहा था और दीवार उठाई जा रही थी इसको लेकर मंदिर के पुजारी ने रोका और जब दबंग नहीं माने तो 100 नं. को एवं एरच पुलिस को सूचना दी गई। इसके बाद भी दबंगों के दबंगई के चलते निर्माण कार्य को नहीं रोका गया। इसके बाद गांव के लोगों ने एवं मंदिर के पुजारी ने उपजिलाधिकारी गरौठा को भी घटना से अवगत कराया। इसके बाद न तो आजतक दबंगों द्वारा न तो दीवार तोड़ी गई और न ही मंदिर का छज्जा बनवाया गया। आखिरकार स्थानीय पुलिस एवं तहसील प्रशासन की कार्य शैली से क्षुब्ध होकर। न्याय की मांग को लेकर बामौर गांव के तमाम लोगों सहित मंदिर के पुजारी दिलीप साना को जिला झांसी जाकर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सहित उच्चाधिकारियों का दरबाजा खटखटाना पड़ा।
गांव के वयोवृद्ध व्यक्तियों के मतानुसार ग्राम बामौर में अब से करीब ढाई सौ वर्ष पूर्व राजशाही के समय में किसी राजा के यहां साना के पद पर रहे व्यक्ति द्वारा भगवान राम, सीता, हनुमान एवं शिव के मंदिर का भव्य स्वर्ण कलश के साथ निर्माण कराया गया था। लोगों ने बताया कि उस समय ग्राम बामौर में यही एक मंदिर पूजा एवं श्रद्धा का केंद्र हुआ करता था। इस मंदिर की सिद्धि एवं चमत्कार के भी तमाम वृतांत चर्चित है। वर्तमान में पुश्तैनी पुजारी के क्रमानुसार दिलीप साना पर मंदिर की पूजा एवं मंदिर के रखरखाव का दायित्व है। जिससे वह पूरी निष्ठा से निर्वहन कर रहे हैं। जहां प्रदेश सरकार धार्मिक पूजा स्थलों और मंदिरों के संरक्षण देने का कार्य कर रही है। वहीं ग्राम बामौर में कुछ दबंग लोग मंदिर का छज्जा तोड़ और परिक्रमा पथ बंद कर अपना घर बनाने में लगे हुए हैं।

न्याय की मांग करने वालों में संजीव त्रिपाठी, रघुराज सिंह भदौरिया, मान सिंह चौहान, शिव नारायण गुप्ता, नृपेन्द्र सिंह, मुकेश लुहार, देवेन्द्र सिंह चौहान, उमाशंकर त्रिपाठी, बद्री प्रसाद पटसारिया, परशुराम अहिरवार, राजू कोरी, हरदयाल वर्मा, घनाराम प्रजापति, रामहरी समाधिया शामिल रहे।