
झाँसी- अनादि काल से बुन्देलखण्ड में प्रचुर मात्रा में खनिज गाये जाते रहे हैं किन्तु चनका समुचित रूप से दोहन न हो पाने के कारण यहां की जनता गरीबी में रह रही है। मण्डलायुक्त डॉ० अजय शंकर पाण्डेय का मानना है कि खनिज की उपलब्धता की दृष्टि से प्रदेश का दक्षिणी भू-भाग मुन्देलखण्ड केटोन का हिस्सा है। नू-वैज्ञानिक मत के अनुसार यह सबसे पुराना एकमात्र केटोन है जिसका कुछ हिस्सा झाँसी मण्डल के सी एवं ललितपुर जनपदों में ही विद्यमान है। यहाँ के क्षेत्र एक प्रकार से पुरातन बट्टानों का संग्रहालय है। यहाँ की भौगोलिक एवं चट्टानों की संरचना के आधार पर यहाँ पर इन पट्टानों में बहुमूल्य धातुएं खनिज एवं रत्न पाये जाते हैं। इनके विकास हेतु सार्थक प्रयास मूतत्व एवं खनिकर्म निदेशालय, उत्तर प्रदेश एवं झांसी मण्डल के भू-वैज्ञानिक की टीम को करने की जरूरत है जिसे खनिज निदेशालय द्वारा सार्थक तौर पर नहीं किया जा रहा है। इस भू-भाग के चट्टानों में बहुमूल्य रत्त डायमण्ड एमेधिस्ट प्लेटिनम समूह के तत् स्वर्गवासह अयस्क, बेस मैटेल्सलेड जिंक का पारमाणुविक धातुए एवं खनिज जैसे यूरेनियम मॉलिबिडीनम दुर्लभ वा धातुएं ग्रेफाइट, जिप्राम, बेराइट फल्सफर रोकफासफेट आदि बहुमूल्य खनिज मिलने की संभावनायें है जिनमें से निर्देशालय द्वारा जनपद ललितपुर के तहसील मजायरा के टोरी पिसनारी क्षेत्र में एक फासफेट, ग्राम गिरार में लौह अयस्क के साथ स्वर्णधातु एवं ग्राम ढागली इकौना में प्लेटिनम समूह को तुओं का सिद्धीकरण कर नीलामी की प्रक्रिया की जा रही है।
बुन्देलखण्ड में किन-किन खनिजों की संभावनायें विद्यमान है ?
1- जनपद झाँसी एवं ललितपुर में बहुमूल्य रत्न डायमण्ड एमेथिस्ट प्लेटिनम समूह के तत्व, स्वर्णधातु लौह अयस्क, बेस मैटेल्स-लेड जिंक काप, पारमाणुविक धातुर एवं खनिज जैसे यूरेनियम, मॉलिबिडीनन दुर्लन मृदा धातुएं, ग्रेफाइट, जिप्सम, बेराइट, फेल्सफर रॉकफासफेट आदि बहुमूल्य खनिज मिलने की संभावनायें।
2- उपरोक्त धातुओं एवं खनिजों का अन्यषण एवं सिद्धीकरण भूतत्व एवं खनिकर्म निदेशालय उत्तर प्रदेश अन्वेषण टीम के द्वारा समय से पूर्ण कराने हेतु दिये गये निर्देश
3- खनिजों का अन्वेषण कर उर्वरक उद्योग, रत्न उद्योग एवं सोलर पैनल उद्योग को विकसित करने की अपार संभावनायें ।
4- जनपद ललितपुर एवं झाँसी के जन सामान्य के लिये रोजगार के लिये खनिज के क्षेत्र में अवसर तलाशने के लिये
भू-वैज्ञानिक को दिये गये निर्देश
5- ऊर्जा क्षेत्र को विकसित करने के लिये सोलर पैनल उद्योग के लिये आवश्यक खनिज की प्रचुर मात्रा झॉसी एवं
ललितपुर में उपलब्ध है जिसका सही तरीके से उत्खनन करने के लिये दिये गये निर्देश
इसके अतिरिक्त भू-वैज्ञानिक डॉ० गौतम कुमार दिनकर के अनुसार मण्डल के जनपद ललितपुर एवं झांसी में क्वॉट्स की चट्टाने उपलब्ध इन कट्सन की चट्टानों, लाल मौरम एवं अनुपयोगी सैन्ड स्टोन से सिलिकॉन को अलग कर ऊर्जा विकास के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण योगदान देने के लिये जनपदों में सोलर पैनल बनाने की इकाईया लगायी जा सकती है जिससे कि बुन्देलखण्ड के रोजगार को बढ़ावा मिलेगा। इसके अतिरिक्त भौसी एवं ललितपुर में पाये जाने वाली बेसाल्ट की चट्टानों का अषण कर इन चट्टानों में से रत्न उद्योग के लिये बहुमूल्य रतन टाइला उद्योग के लिये बेसाल्ट की टाइल्स इत्यादि के अतिरिक्त अनुपयोग बेसाल्ट पत्थर से उर्वरक उद्योग को भी बढ़ावा दिया जा सकता है।
खनिज की खोज के लिये बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय का लिया जायेगा सहयोग
मण्डलायुक्त का मानना है कि खनिज के विकास की अपार सम्भावनाओं का क्षेत्र होने के बावजूद भी खनिज कार्य के लिए पर्याप्त आधारभूत संरचना का यहां अनाव है। उ०प्र० सरकार के जियोलॉजी और नाईनिंग निर्देशालय का एक क्षेत्रीय कार्यालय झाँसी में स्थापित तो अवश्य है किन्तु यहां मात्र एक भू-वैज्ञानिक ही तैनात है। मण्डलायुक्त ने खनिज की अपार सम्भावनाओं को देखते हुए इस कार्यालय को और सुविधाओं से सम्पन्न करने हेतु शासन से अपेक्षा की है। साथ ही साथ मण्डलायुक्त ने झांसी के बुन्देलखण्ड विश्व विद्यालय के भूगर्भ विज्ञान विभाग के साथ मिलकर काम करने की आवश्यकता पर जोर दिया है इस सम्बन्ध में।
भू-वैज्ञानिक डॉ० गौतन कुमार दिनकर ने बताया कि बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय के कुलपति महोदय से आज उनक द्वारा वार्ता मी की गई है और शीघ्र ही इस सम्बना में एक बैठक बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय के साथ की जायेगी। बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय और यहां के क्षेत्रीय खनिज कार्यालय मिलकर काम करें ऐसी मण्डलायुग की योजना है।
‘खनिज में अब तक की उपलब्धियां ‘
खनिज विभाग द्वारा रॉक फॉस्फेट खनिज, लौह अयस्क, स्वर्ण धातु एवं प्लेटिनम समूह की तुओं (PGE) की खोज की गई। है।
जनपद ललितपुर के टोरी-पिसनारी क्षेत्र में खनिज विभाग एवं एम.ई.सी. एल. भारत सरकार का उपक्रम द्वारा संयुक्त रूप से रॉक फारफेट के ब्लाक-II-IV को खनिज पटा एवं खनिज विभाग द्वारा अषत बनाक-1 को कम्पोजिट लाईसेंस पर दिये जाने हेतु कार्यवाही की जा रही है।
विभाग द्वारा अन्वेषित रॉक फास्फेट के ब्लाक V को कम्पोज़िट लाईसेंस पर एचएसएम होल्डिंग के पक्ष की स्वीकृति प्रदान की गयी है। जनपद ललितपुर के गिरक्षेत्र में अन्येषित लौह अयस्क एवं स्वर्ण अवस्था निकेल को ऑक्शन के द्वारा कम्पोजिट पर दिये जाने की कार्यवाही की जा रही है।
जनपद ललितपुर के इकौना- गिदवाहा क्षेत्र में विभाग द्वारा अन्यमित प्लेटिनम समूह की धातुओं (PGE) निज ब्लाक को भी कम्पोजिट लाईसेंस पर दिये जाने हेतु ऑक्शन की कार्यवाही प्रगति पर है।