
उरई/जालौन। स्वच्छ भारत मिशन का जिला मुख्यालय में बुरा हश्र है। बदहाली का आलम यह है कि नपा क्षेत्र के कई वार्डों की नालियों की सफाई नहीं हाेने से कीचड़ से बजबजा रही हैं, तो कहीं नालियों से बहकर कीचड़ रास्तों पर आने से राहगीरों को परेशानी हो रही है। वार्डवासियों का कहना है कि साफ-सफाई नियमित तौर से नहीं होती। इससे नालियों में मच्छरों का डेरा है। ऐसे में गर्मी में मच्छरों व गंदगी से फैलने वाली बीमारियों की चपेट में आने की आशंका है। खास बात यह है कि बरसात का सीजन भी आने वाला है। पर जिम्मेदार इस ओर गौर नहीं कर रहे हैं।साफ-सफाई अब सिर्फ मुख्य मार्ग तक ही सीमित रह गई है। जालौन कोंच बाईपास सड़क किनारे बसे वार्ड तक सफाईकर्मी नहीं पहुंच रहे हैं। स्थानीय नागरीकों का कहना है कि साल में एक या दो बार ही नालियों की सफाई होती है। इससे नालियां जाम रहती हैं। सबसे अधिक परेशानी बारिश के दिनों में होती है, क्योंकि बारिश का पानी नाली के गंदे पानी के साथ मिलकर सड़क में बहने लगता है। इससे दुर्गंध के अलावा मच्छर भी बढ़ जाते हैं, जिससे बीमारी फैलने की आशंका बढ़ जाती है। आलम यह है कि यहां न तो सफाई और न ही यहां नालियों में नियमित रूप से डीडीटी पावडर का छिड़काव किया जाता है। अब डेढ़ माह बाद बारिश का मौसम आ रहा है। ऐसे में यदि जिम्मेदार इस ओर गौर नहीं करते तो परेशानी होनी तय है